
क्राइम ब्रांच ने कहा कि केस में मौलवी की भूमिका की भी जांच की जा रही है और अभी उसे क्लीन चिट नहीं दी गई है। वहीं मौलवी ने क्राइम ब्रांच को बताया की वह घटना के वक्त मदरसे में थे ही नहीं और न ही उन्हें पता है कि नाबालिग लड़की कब मदरसे में आई। इस बीच पीड़ित परिवार ने एक एनजीओ के साथ पुलिस हेटक्वार्टर पहुंचकर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और पूरे केस की निष्पक्ष जांच की मांग की। पुलिस कमिश्नर ने भी पीड़ित परिवार को निष्पक्ष जांच का भरोसा जताया।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनकी बच्ची के साथ मदरसे में गैंगरेप किया गया. परिवार वालों का दावा है कि घटना के वक्त मौलवी मदरसे में ही मौजूद थे और रेप करने से पहले उसने पीड़िता को बिस्किट भी खिलाया था। गुरुवार को पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए और पूरी घटना के बारे में बताया। पीड़िता के पिता का आरोप है कि उनकी मासूम बच्ची के साथ जो कुछ भी हुआ वो एक साजिश का हिस्सा है और इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड और कोई नहीं, बल्कि मदरसे का मौलवी ही है।
पिता का आरोप है कि जनबूझकर उनकी बेटी के साथ इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया गया। पीड़िता के पिता ने साथ ही दिल्ली पुलिस पर सही तरह से काम न करने का आरोप भी लगाया है। घटना से जुड़े सीसीटीवी के सारे फुटेज पुलिस को लड़की के पिता ने ही दिए, जिसके बाद लड़की का पता चल पाया। पीड़ित के मामा ने आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।
वहीं पीड़ित के परिवार के साथ पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे एनजीओ की महिलाओं ने मांग की है कि ऐसे मदरसों की गहन पड़ताल होनी चाहिए। बता दें कि पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया है कि 17 साल का एक लड़का उसे अपने साथ मदरसे में लेकर गया था। पुलिस ने लड़की का मेडिकल करवाने के बाद पॉक्सो एक्ट के तहत रेप का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी नाबालिग लड़के को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।