भोपाल। खुफिया ऐजेंसियों की रिपोर्ट आई है कि मप्र में 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा भीड़ का गुस्सा या क्रिया की प्रतिक्रिया नहीं थी बल्कि भीड़ को हिंसा की तरफ मोड़ने के लएि साजिश रची गई थी। इसके लिए कुछ संगठनों को फंडिंग की गई थी। षडयंत्र था कि मध्यप्रदेश का ज्यादातर हिस्सा हिंसा की आग में जल उठे परंतु वो पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए। ग्वालियर, भिंड और मुरैना में सबसे ज्यादा हिंसा हुई।
मध्य प्रदेश के आईजी इंटेलिजेंस मकरंद देउस्कर ने कहा है कि मध्यप्रदेश में हिंसा भड़काने के लिए संगठनों को मोटी रकम दी गई थी। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच इंटेलिजेंस कर रहा है और जल्द ही इंटेलिजेंस पूरे मामले का खुलासा करेगा। हिंसा में फंडिंग करने वालो को इंटेलिजेंस ने चिन्हित कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि फंडिंग करने वाले प्रदेश के सामाजिक संगठनों से जुड़े हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में भारत बंद के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में आठ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इस दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल जिलों के कई स्थानों पर भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत के अलावा बड़ी संख्या कई अन्य घायल हो गए हैं। हालात बिगड़ने पर राज्य के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया था और इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी।