नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से पूछा था कि 'वो हिंदू हैं या जैन' तो उत्तरभारत के एक बड़े वर्ग ने इस सवाल पर यह कहते हुए आपत्ति उठाई थी कि हिंदू ओर जैन एक ही होते हैं। सिद्धारमैया ने उन्हे अलग करने की कोशिश की है। आज अमित शाह ने सिद्धारमैया के सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि 'मैं जैन नहीं, हिंदू (वैष्णव) हूं।' सवाल अब भी वही है, क्या अमित शाह की नजरों में हिंदू और जैन अलग अलग हैं।
अमित शाह भाजपा के 38 वें स्थापना दिवस पर एक रैली को संबोधित करने के बाद संवाददाओं से बातचीत कर रहे थे। शाह ने कहा, ‘ संप्रग सरकार ने 2013 में सिफारिश( लिंगायत को अल्पसंख्यक समूह का दर्जा देने की) को खारिज कर दिया था। मौजूदा फैसला सिर्फ येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए है। यह एक चुनावी चाल है।
शाह से सिद्धारमैया के उस बयान के बारे में सवाल किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि शाह एक जैन हैं। इस पर शाह ने कहा, ‘‘ मैं जैन नहीं बल्कि एक हिंदू वैष्णव हूं।’ उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि2 014 में बहुमत हासिल करने के बाद भी भाजपा ने हमेशा अपने सहयोगी दलों को शामिल किया है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि शिवसेना भाजपा के साथ बनी रहेगी।
शाह ने कहा कि त्रिपुरा, असम और अन्य स्थानों पर बहुमत हासिल करने के बाद भी भाजपा ने अपने सहयोगियों को सरकार में शामिल किया। उन्होंने कहा कि 2019 में भी हम राजग की सरकार बनाएंगे, हालांकि भाजपा को अपने दम पर बहुमत प्राप्त होगा। शिवसेना के बारे में पूछे गए एक सवाल पर शाह ने कहा कि वे अभी सरकार में हमारे साथ हैं और हमारी पूरी इच्छा है कि वे हमारे साथ रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा को अलग थलग करने के विपक्ष के प्रयासों के बाद भी भाजपा अपने सहयोगियों के साथ 2019 के चुनाव में विजयी होगी।