नई दिल्ली। पाकिस्तान के आंतरिक हालात काफी खराब हो गए हैं। आम नागरिकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हजारों बलूच नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं। वो आजादी की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने मीडिया ब्लैकआउट कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया में इसकी कोई खबर नहीं है। कुछ विद्वान ट्वीटर पर #PashtunLongMarch2Peshawar के साथ स्थिति का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय संघीय प्रशासन जनजातीय क्षेत्रों में जो हालात बिगड़ रहे हैं उसमें हस्तक्षेप करे।
पाकिस्तान में प्रदर्शन कर रहे बलूच लोगों को वहां की मीडिया से भी कवर नहीं करने दिया जा रहा है। इस पर लोगों ने ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। इस पर मीडिया की निंदा की जा रही है। पाकिस्तान के प्रसिद्ध लेखकों ने भी ट्विटर के माध्यम से अपना गुस्सा जाहिर किया है। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार ने सामने आकर पश्तूनी लोगों का साथ दिया है।
उन्होंने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए उनके अधिकारों की मांग की है। साथ ही उन्होंने अन्य लोगों से भी इस आंदोलन में साथ देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि आज मुझे मीडिया के ब्लैकआउट के लिए एक पत्रकार के रूप में शर्म महसूस हो रही है। मैं इस मार्च का समर्थन करता हूं और सभी को इसका हिस्सा बनने का आग्रह करता हूं। उन्होंने इसके लिए हैज टैग भी चलाया।
एक अन्य पत्रकार ने ट्वीट करके करा कि "मीडिया ब्लैकआउट पाकिस्तानी नागरिकों के मौलिक अधिकार के चेहरे पर एक दाग है। बता दें कि पश्तून संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए) से युवा पश्तों के नेतृत्व में एक विरोध आंदोलन है, जहां वे लंबे समय तक सैन्य अभियानों के लक्ष्य, आंतरिक विस्थापन, जातीय रूढ़िवादी और सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण कर रहे हैं।
..........#PashtunLongMarch2Peshawar Actual footage of PTM March, mostly Afghan refugees are a part of it to avoid deportation. Number around 10k see for yourself.— Farhan K Virk (@FarhanKVirk) April 8, 2018
pic.twitter.com/Adgzcu8kK9
........Women participation at#PashtunLongMarch2Peshawar#PashtunTahafuzMovement#PashtunLongMarch@AWGoraya @sanaejaz2 @mazdaki @Gulalai_Ismail @Aliwazirna41 @haikakar @BoriwalKakar pic.twitter.com/H0Oc2YilY4— ھاشم پشتین (@HashiMandokhail) April 8, 2018