मप्र पुलिस भर्ती: PHQ ने SC/ST/OBC श्रेणी में मनमाना नार्मलाइजेशन कर दिया | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। आरक्षक भर्ती परीक्षा 2017 में चयनित अभ्यर्थियों की पोस्टिंग प्रक्रिया को लेकर हंगामा मचा हुआ है। 200 से ज्यादा उम्मीदवारों ने पीएचक्यू पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराई है। दरअसल, पोस्टिंग में आरक्षण नियमों का अपनी सुविधा के अनुसार पालन कर लिया गया है। SC/ST/OBC की श्रेणियों के टॉपर्स को सामान्य श्रेणी में मर्ज कर दिया गया जबकि SC/ST/OBC श्रेणियों के न्यूनतम अंकों से पास होने वाले उम्मीदवारों को आरक्षण की श्रेणी में बनाए रखा गया। नतीजा यह हुआ कि SC/ST/OBC श्रेणी के टॉपर्स वो पोस्टिंग नहीं मिल पाई जिसकी उन्होंने च्वाइस फिलिंग की थी जबकि SC/ST/OBC श्रेणी के ही न्यूनतम अंकों से पास होने वाले उम्मीदवारों को  सर्वाधिक मांग वाली पोस्टिंग मिल गई। बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया के कारण अन्याय का शिकार हुए उम्मीदवारों की संख्या करीब 1000 है। 

च्वाइस फिलिंग क्यों कराई थी
2017 में आरक्षकों के 14 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती हुई थी। फिजीकल टेस्ट के बाद अभ्यर्थियों से पोस्टिंग को लेकर च्वाइस फिलिंग कराई गई थी। इनमें ज्यादातर अभ्यर्थियों ने जिला पुलिस बल चुना था। जब पोस्टिंग की गई तो ओबीसी व एससी के अभ्यर्थियों को भोपाल सागर, जबलपुर, ग्वालियर, धार, दतिया एसएएफ बटालियन में भेज दिया गया। सवाल यह है कि यदि पोस्टिंग में नॉर्मलाइजेशन ही करना था तो च्वाइस फिलिंग क्यों कराई और SC/ST/OBC के सभी उम्मीदवारों को नार्मलाइज क्यों नहीं किया गया। 

इसे ऐसे समझिए
पीईबी के पोर्टल पर अपलोड अभ्यर्थियों की पोस्टिंग लिस्ट के अनुसार 
ओमप्रकाश कुशवाहा ओबीसी 77.02 पोस्टिंग 14 वीं एसएएफ बटालियन ग्वालियर, 
सचिन सागर 76.76 अंक पोस्टिंग 34 वीं एसएएफ बटालियन धार, 
माखन नामदेव ओबीसी 76.76 पोस्टिंग 10 वीं बटालियन सागर, 
रमेश पवार ओबीसी 76.67 पोस्टिंग 25 वीं बटालियन भोपाल, 
राहुल राजपूत अोबीसी 76.55 पोस्टिंग 25 वीं बटालियन दतिया, 
गजेंद्र जाटव एससी 76.52 पोस्टिंग 10 वीं बटालियन सागर 
अरविंद प्रजापति आेबीसी 75.77 की पोस्टिंग 6 वीं एसएएफ बटालियन जबलपुर में पोस्टिंग दी गई है।

जबकि इनसे कम अंक पाने वाले उम्मीदवारों को जिला पुलिस बल दे दिया गया है। बता दें कि मप्र पुलिस में जिला पुलिस बल की पोस्टिंग सबसे अच्छी मानी जाती है और इसमें टॉपर्स को लिया जाता है। पिछले वर्षों में ऐसा ही होता रहा है। 

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