भोपाल। भारत के प्रधानमंत्री का कार्यालय ने मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यक्रम में कुप्रबंधित किए गए कचरा मामले में पीएमओ ने जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने नरसिंहपुर के बरमान घाट पर अपनी नर्मदा परिक्रमा का समापन समारोह आयोजित किया था। यहां कचरा संग्रह और उसके निस्तारण का कोई प्रबंध नहीं था। सारा कचरा बरमान घाट पर यहां वहां बिखरा रहा। यह सबकुछ तब हुआ जब खुले में शौच करने वालों को जेल भेजा रहा है। भोपाल समाचार ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। कटनी के पद्मेश गौतम ने पीएमओ से इस मामले की शिकायत की जिसके आधार पर जांच के आदेश जारी हुए।
आपको बता दें कि विगत दिनों प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की यात्रा समाप्ति के दिन नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के बरमान घाट पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमे हजारों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम के बाद बरमान घाट में गंदगी का अंबार लगा दिया। यही नही जिस नर्मदा नदी को आस्था का केंद्र बनाकर दिग्विजय सिंह द्वारा यात्रा करके आशीर्वाद लिया था उसी नर्मदा नदी के जल में प्लास्टिक की बॉटल, पॉलीथिन, खाद्य सामग्री और अन्य अवशेष फेंककर माँ नर्मदा को प्रदूषण फैलाया गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कटनी के समाजसेवी पदमेश गौतम ने पीएमओ कार्यालय में शिकायत की थी।
कार्यक्रम में कचरा तो होता ही है, इसमें गलत क्या है
देश में इन दिनों स्वच्छता अभियान चल रहा है। घर-घर में कचरा प्रबंधन सिखाया जा रहा है। गीला कचरा और सूखा कचरा के लिए अलग से डस्टबिन लगाए जा रहे हैं। खुले में शौच प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसा करने वालों को जेल भेजा रहा है। खुले में शौच से तात्पर्य खुले में गंदगी से ही है। आयोजकों को कचरा प्रबंधन करना चाहिए था। सुनिश्चित करना चाहिए था कि कचरा नर्मदानदी की जलाधारा में प्रवेश ना कर पाए। कार्यक्रम के बाद कचरे को नष्ट करने का प्रबंधन किया जाना चाहिए था।
पीएमओ ने दिए जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीएमओ ने जांच के आदेश दिए है। जानकारी के मुताबिक जल नर्मदा नदी में प्रदूषण के साथ-साथ दूषित खाद्यान्न से आस पास के क्षेत्र में गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा शिकायत क्र.PMOPG/E/2018/0162372 को जलसंसाधन,नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय भारत सरकार के डायरेक्टर गिरराज गोयल को जांच के लिए निर्देशित किया है।