भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शिवराज सरकार द्वारा विवादित बाबाओं को मंत्री दर्जा देने के फैसले से किनारा कर लिया है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि इस फैसले पर संघ का कोई मत नहीं है। हम सामाजिक संगठन हैं, जरूरी नहीं है कि हर मसले पर राय रखी जाए। उधर अखाड़ा परिषद ने मंत्री पद स्वीकारने वाले बाबाओं की निंदा की है। बता दें कि अखाड़ा परिषद संत समाज की सर्वोच्च संस्था है।
अरुण कुमार से बातचीत के अंश:
प्रश्न: तथाकथित बाबाओं को राज्य सरकार द्वारा मंत्री पद देने पर संघ क्या सोचता है?
उत्तर: इस मुद्दे पर हमारा कोई मत नहीं है। संघ का इससे कोई लेना नहीं है। यह सरकार का फैसला है।
प्रश्न: क्या साधु-संतों को मंत्री पद देना नैतिक रूप से उचित है?
उत्तर: संघ एक सामाजिक संगठन है। जरूरी नहीं कि हर मसले पर संघ कोई राय रखे।
बता दें कि बाबाओं को मंत्री दर्जा दिए जाने के बाद सीएम शिवराज सिंह की पूरे देश भर में किरकिरी हो रही है। दरअसल, सीएम ने बाबाओं को उस समय यह दर्जा दिया जबकि वो शिवराज सरकार के खिलाफ रथयात्रा निकालने जा रहे थे। लोगों ने इसे एक सौदेबाजी करार दिया। शिवराज सिंह को बाबाओं के सामने घुटने टेकने वाला बताया गया जबकि बाबाओं को ब्लैकमेलर करार दिया गया। अखाड़ा परिषद ने भी बाबाओं की निंदा की है।