
जयपुर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब 45 वर्षीय दवा व्यापारी रघुवीर शरण अग्रवाल ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। वह 100 मीटर तक जलते हुए भारत माता की जय के नारे लगाते हुए दौड़ते रहे। लोग बीच सड़क पर जलते हुए एक आदमी को भागते देखकर चौंक गए। लोगों ने पानी डालकर आग बुझाई और उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में ले गए। यहां से उसके परिजन उन्हें दिल्ली (एम्स) ले गए। वे 80% तक झुलस गए थे, उनका निधन हो गया।
हिंसक जातिवादी प्रदर्शन से दुखी थे
पुलिस को दिए अपने बयान में उन्होंने बताया कि वह आरक्षण और जाति के नाम पर भाई के भाई से लड़ने से दुखी थे। यह घटना रविवार सुबह 5 बजे की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि वह रोजाना सुबह 5 बजे अमरपाली सर्किल पर आरएसएस की शाखा लगाते थे और 2 अप्रैल के दिन दलित आंदोलन के नाम पर हुई हिंसा से काफी दुखी थे। उन्होंने अपने दवा दुकान के लेटर हेड पर कई ऐसी बातें लिखी थीं जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह इसके लिए जान दे रहा है, हालांकि पुलिस का कहना है कि वह दूसरे भी कई पहलुओं पर जांच कर रही है।
आग लगाने से पहले रघुवीर शरण ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि स्वप्न में मैंने भारत माता की वह करुण चीत्कार सुनी और देखा कि चारों तरफ गिद्ध मंडरा रहे है। जब हम दूसरों के बहकावे में आ जाते हैं तो चाहे कोई भी हो, उसका स्वयं का विवेक शून्य हो जाता है। भाई से भाई को लड़वा कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं।
रोज शाखा लगाते थे रघुवीर शरण
स्थानीय लोगों के अनुसार रघुवीर शरण क्राउन प्लाजा स्थित फ्लैट में रहते थे। नर्सरी सर्किल के पास किरण मेडिकल्स के नाम से उनकी मेडिकल की दुकान भी है। वे रोजाना आम्रपाली सर्किल के पास आरएसएस की शाखा लगाते थे। लोगों का कहना है कि वह बीते कुछ दिनों ने देश में बढ़ रही कटुता को लेकर बातें करते थे, लेकिन वो ऐसा कदम उठाएंगे ऐसी किसी को उम्मीद नहीं थी।