नई दिल्ली। SC/ST ACT के तहत दर्ज होने वाले मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाला सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भाजपा के 3 राज्यों पालन शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार, राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार एवं छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने पुलिस को आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं कि वो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करें। बता दें कि तीनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान की सरकार ने आधिकारिक तौर पर राज्य पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का आदेश जारी कर दिया है। इन राज्यों के अलावा हिमाचल प्रदेश ने भी अनौपचारिक तौर पर इस आदेश को जारी कर दिया है, जल्द ही औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया जाएगा।सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान अलग से इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालेंगे लेकिन जब तक स्थगन नहीं मिल जाता सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करेंगे।
मेवाणी ने मोदी की नीति और नियत पर शक जताया
गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये निर्णय दिखाता है कि पीएम मोदी के मुंह पर बाबा साहेब का नाम है और दिल में मनु है। 14 अप्रैल को जो सेलिब्रेशन किया गया है वह सिर्फ राजनीतिक था। उन्होंने कहा कि पहले दलितों को चांटा मारा और बाबा साहेब की तारीफ कर मरहम लगाने की कोशिश की।
अब तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था। जिसके बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में भी कोर्ट ने कहा था कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्होंने हमारा आदेश नहीं पढ़ा है। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।