नई दिल्ली। भारत के क्रिकेट स्टार सचिन तेंडुलकर पर आरोप लगते रहे कि वो राज्यसभा सांसद रहते हुए बहुत कम समय के लिए सदन में आए। 6 साल में उन्हे 90 लाख रुपए वेतन मिला जबकि वो सदन के भीतर देश के काम नहीं आए। सचिन ने यह दाग धो दिया है। पिछले 6 साल में मिला वेतन और भत्ता प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है। यह रकम करीब 90 लाख रुपए है। वे हाल ही में इस पद से रिटायर हुए हैं। इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका आभार जताया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी जानकारी
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक पत्र जारी कर सचिन के सैलैरी दान किए जाने की जानकारी दी है। नरेंद्र मोदी ने सचिन का आभार जताते हुए कहा, "उनका ये योगदान संकट में लोगों को सहायता देने में मददगार साबित होगा।'
देश में 185 प्रोजेक्ट चला रहे हैं सचिन
सचिन के ऑफिस ने जानकारी दी है कि उन्होंने 30 करोड़ रुपए की सांसद निधि में से 7.4 करोड़ रुपए के 185 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। जिनमें क्लासरूम के निर्माण और नवीकरण समेत शिक्षा से जुड़े कई विकास कार्य शामिल हैं।
दो गांवों को गोद लिया है
सचिन ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आंध्रप्रदेश के पुट्टम राजू कंडरीगा और महाराष्ट्र के दोंजा गांव को गोद लिया था।
राज्यसभा में कैसी रही परफॉरमेंस
सचिन ने सांसद रहते सिर्फ 2 बार छुट्टी के लिए संसद में अर्जी दी थी। पहली बार मार्च, 2013 में जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया था। दूसरी बार अगस्त, 2014 में परिवारिक वजहों से अर्जी लगाई थी। सचिन के सांसद बनने के बाद राज्यसभा के 19 सेशन चले। इनमें उनकी उपस्थिति सिर्फ 8% रही। 3 सेशन में वे गैरमौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 22 सवाल पूछे। 2017 के शीतकालीन सत्र में उनकी मौजूदगी सबसे ज्यादा 23% थी।