नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दामों में रिकॉर्ड तेजी के बाद हाहाकार मचा हुआ है। कांग्रेस कुछ खास नहीं कर पा रही है लेकिन भाजपा के चिंतक परेशान हैं। उनका मानना है कि जनता इसे भुला नहीं पाएगी। इसका नुक्सान होगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दाम बढ़ने से हम चिंतित हैं लेकिन उन्होंने टैक्स घटाने की संभावनाओं पर चुप्पी साध ली। बता दें कि इन दिनों पेट्रोल-डीजल के दाम 55 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। इससे सीधे तौर पर महंगाई बढ़ेगी। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि आने वाले दिनों में 20 प्रतिशत का इजाफा होगा। आम जनता को टैक्स मिलाकर यह 35 प्रतिशत के करीब पढ़ेगा।
हम टैक्स नहीं घटाएंगे, राज्यों को घटाना चाहिए
प्रधान ने कहा कि, "राज्यों को सेल्स टैक्स या वैट में कटौती करनी चाहिए, जिससे जनता को राहत मिल सके। एक्साइज ड्यूटी में कमी के सवाल पर उन्होंने कहा अलग-अलग प्रयासों से राहत नहीं मिलेगी। हमें वित्तीय खाता भी देखना है और उपभोक्ताओं के हितों का भी ध्यान रखना है। सरकार सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए समाधान की कोशिश कर रही है। तेल की कीमतों पर नजर रखी जा रही है।" पेट्रोलियम मंत्री ने तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के लिए राजनीतिक वजहों को जिम्मेदार बताया।
ड्यूटी घटाने पर सरकार को होगा नुकसान
इससे पहले वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार वित्तीय घाटा 3.5 से घटाकर 3.3 फीसदी लाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। एक्साइज ड्यूटी में एक रुपए की भी कटौती की जाए तो सरकार को 13,000 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ेगा। साथ ही कहा कीमतों में एक या दो रुपए की तेजी से महंगाई दर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।