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राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि B.ed और अन्य कोर्स में ADMISSION तथा शोध कार्य के लिए गरीब वर्गो के छात्र-छात्राओं के आवेदनों पर तत्परता से कार्यवाही करें। शोध तथा अनुसंधान करने वाले छात्र-छात्राओं को अच्छा गाईड उपलब्ध कराना चाहिए। लड़कियों का शोषण नहीं होना चाहिए। सभी विश्वविद्यालयों में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत से संबंधित प्रतियोगिता, कार्यक्रम, नृत्य और वर्कशाप आयोजित किये जायें। उन्होंने कहा कि प्रोफेसरों तथा संकाय से संबंधित छात्रों की संख्या के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी फार्मेट के अनुसार मांगी गई पूरी जानकारी 20 दिन के अंदर भेजी जाये, ताकि विश्वविद्यालयों की बजट संबंधी शिकायत का त्वरित निराकरण किया जा सके। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग तथा जल संरक्षण के प्रयास किये जायें। विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्रियाँ देने वाले संस्थान बनकर नहीं रहें।
श्रीमती पटेल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने अधिनस्थ महाविद्यालयों के सहयोग से एक गांव को गोद ले और वहां स्वास्थ्य,स्वच्छता, प्रसूता तथा बच्चियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर लगाए।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालयों में भी मेधावी विद्यार्थी योजना लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने जा रही है। इसलिए विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है कि दैनिक वेतन भोगी के बारे में वे सही जानकारी सरकार को उपलब्ध करायें। श्री पवैया ने कहा कि पूर्व में भेजी गई जानकारी में कई त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शोध के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना है।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. एम मोहन राव, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव किसान कल्याण श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अजीत केसरी तथा विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।