नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट के जारी होते है राज्य में बवाल मच है। पार्टी समर्थकों ने अपने नेता को टिकट ना मिलने से नाराज होकर विरोध का रास्ता चुन लिया है और पार्टी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की है। पहली लिस्ट की जारी होते ही कार्यकर्ताओं के बीच हंगामा हो गया और विरोध में प्रदर्शन और रैलियां निकाली गई। कई नेताओं ने तो पार्टी से इस्तीफा देने की भी धमकी दी है। नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया पर मनमानी का आरोप लगाया है। वहीं पार्टी कार्यकर्ताअों ने पार्टी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की।
नाराजगी व्यक्त करते हुए सड़क पर जो लोग उतर आए हैं वह उत्तर कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के समर्थक थे, उन्हें उम्मीद थी कि सीएम उनके लिए बदामी निर्वाचन क्षेत्र से लेकर मैसूर जिले के चामुंडेश्वरी तक सीटें दिलाएंगे। कुनिगल, कोलार, कोल्लेगल, बेलूर, बदामी, कित्तूर, नेलमंगला और अन्य कई विधानसभाओं में असंतषो के स्वर मुखर हुए हैं। उनकी आशा अफवाह पर नहीं बल्कि कठिन तथ्यों पर आधारित थी। उनके कार्यालय ने उस तारीख की घोषणा भी की थी जब वह दो सीटों से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए निर्धारित था।
बादामी के लिए दिनांक 23 अप्रैल और चामुंडेश्वरी 20 अप्रैल को दिए गए थे। उनकी निराशा को तथ्यों के प्रकाश में बेहतर ढंग से समझा जा सकता है कि बादामी के मौजूदा विधायक ने मुख्यमंत्री के लिए सीट छोड़ने पर सहमति जताई थी और यह एक सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र माना जाता था। सभी को सूची को लेकर एक झटका लगा जब देवराज पाटील को बदामी सीट दी गई।
एक नेता ने कहा कि उनके दो सीटों से चुनाव लड़ने से गलत संकेत जाएगा कि राज्य का राजनीतिक दल अस्थिर है। हालांकि पार्टी में ऐसे अन्य लोग हैं जो विश्वास करते हैं कि सिद्धारमैया ने सूची में एक कथन दिया था। उनके अनुसार, उनके अधिकांश अनुयायियों को टिकट दिया गया है। हालांकि वह निराश इसलिए भी हैं क्योंकि कुछ पार्टी हॉपर जो उन्हें नापसंद करते हैं उन्हें भी शामिल किया गया है।
हाल ही में पार्टी में आठ व्यक्ति शामिल हुए, जो कांग्रेस या जनता दल (एस) के थे, वह सभी चुनाव लड़ रहे हैं। मुस्लिम समुदाय में भी असंतोष है क्योंकि समुदाय के केवल 15 सदस्य ही नामांकित हैं, जबकि पिछली बार उन्नीस मुस्लिम उम्मीदवारों ने पिछले विधानसभा चुनाव में लड़े थे। एक समान संख्या में महिलाएं पार्टी की ओर से सीटें मांगेगी। पार्टी में एक ऐसा खंड है जो पार्टी नेतृत्व को लेकर इस बात पर गुस्सा है कि उन लोगों को चुना गया है जो पिछली बार चुनाव हारे थे या जिनका प्रदर्शन बहुत बुरा था। मंडी सीट के लिए फिल्म अभिनेता अंबरीश का नाम दोबारा चुना जाना भी आक्रोश का कारण बना हुआ है।
दूसरी तरफ सिद्धारमैया ने टिकट बंटवारे को सही ठहराया है। सिद्धारमैया का कहना है कि पार्टी के आंतरिक सर्वे और उनके जीतने की संभावना के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया गया है।
#WATCH Congress workers vandalised party's office in #Mandya protesting over the distribution of tickets of #KarnatakaAssemblyElections pic.twitter.com/Bj4qdJW6m4— ANI (@ANI) April 16, 2018