उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के कर्मचारी एवं भाजपा के मंडल महामंत्री गोपाल कुशवाह ने नेताओं की नाजायज मांगों से परेशान होकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, आए दिन भाजपा नेता महाकाल मंदिर आ धमकते थे और पार्टी का पदाधिकारी होने के नाते उस पर दवाब बनाते थे कि मंदिर के नियमों को तोड़कर उसे दर्शन और अभिषेक का प्रबंध करे। नेताओं का दवाब इतना बढ़ गया कि कुशवाह ने पार्टी से ही नाता तोड़ लिया।
समिति में कार्यरत कर्मचारी गोपाल कुशवाह वर्तमान में भस्मारती सहायक के पद पर कार्यरत हैं तथा भाजपा से भी जुड़ा था। 15 अप्रैल की सुबह भस्म आरती में वह ड्यूटी कर रहा था। इसी दौरान भाजपा नेता मौसम मेहता कुछ लोगों को लेकर भस्म आरती करने आ गया। उनके साथ जो लोग थे, उनकी परमिशन नहीं थी। इस बात को लेकर जब कुशवाह ने रोक टोक की तो वह विवाद करने लगा। भस्म आरती में मौजूद समिति की उप प्रशासक प्रीति चौहान से भी नेता की इस बात को लेकर बहस हुई। नेता ने कर्मचारी कुशवाह व उनके साथ खड़े अन्य लोगों से विवाद किया।
घटना से नाराज कुशवाह ने भाजपा के महाराज वाडा मंडल में महामंत्री पद से अपना इस्तीफा मंडल अध्यक्ष पंकज मिश्रा को दिया है। इसकी काॅपी उन्होंने मंदिर प्रबंध समिति के वाट्सएप ग्रुप पर भी डाली है। कुशवाह ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में बताया कि मेहता ने उनके साथ व मंदिर के अधिकारी के साथ विवाद किया। उससे नाराज होकर वे पार्टी का पद छोड़ रहे हैं। इस्तीफे में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि पार्टी के कुछ नेता मंदिर में आए दिन भस्मारती की परमिशन कराने, वीआईपी दर्शन कराने सहित अन्य मामलों में हस्तक्षेप कर संगठन की छवि खराब कर रहे हैं।