नई दिल्ली। एक बार फिर दुनिया के एक भयंकर युद्ध के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। विश्व की 2 महाशक्तियां आमने सामने हैं। अमेरिका ने सीरिया पर हमला कर दिया और रूस इस हमले के खिलाफ भड़क उठा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका की एयर स्ट्राइक में करीब 75 लोग मारे गए हैं। रूस ने इस हमले को अपने राष्ट्रपति पुतिन का अपमान माना है और अमेरिका को नतीजा भुगतने की धमकी दी है। इस अमेरिकी कार्रवाई में फ्रांस और इंग्लैड भी शामिल हैं। जबकि माना जा सकता है कि रूस के साथ चीन और पाकिस्तान होंगे।
सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी। इस हमले में बच्चों सहित 75 लोग मारे गए थे। रासायनिक हमले को लेकर गुस्साए ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति असद को 'जानवर' कहकर संबोधित किया था। हालांकि 12 अप्रैल को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सीरिया पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि डौमा पर संदिग्ध रासायनिक हमले के आरोप गलत और झूठे हैं।
सीरिया में रासायनिक हमला रूस की बिफलता थी
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया हमले को लेकर रूस को भी घेरा है। ट्रंप ने कहा, 'सीरिया पर हुआ हमला असद (सीरिया के राष्ट्रपति) के रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को रोकने की रूस की विफलता का प्रत्यक्ष परिणाम है।' ट्रंप ने कहा है कि सीरिया के खिलाफ अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन मिला है।
ट्रंप ने सुबह 6:30 देश को संबोधित किया
अमेरिकी मीडिया ने बताया, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया की स्थिति पर आज सुबह 6:30 बजे देश को संबोधित किया और बताया कि वे दमिश्क के बाहर रासायनिक हमले का जवाब देने की योजना कैसे बना रहे हैं। ट्रंप ने अपने वरिष्ठ सैन्य सलाहकारों के साथ पिछले कुछ दिन बिताए और डूमा में हुए घातक हमले के बाद कार्रवाई करने का फैसला करने के लिए फ्रांस और ब्रिटेन के सहयोगियों से बात की। डूमा पूर्वी घौटा के पूर्व विद्रोही-आयोजित गढ़ में सबसे बड़ा शहर है। इसका केंद्र दमिश्क के केन्द्र से लगभग 10 किमी उत्तर पूर्व है।
हम पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे: रूसी दूतावास
वहीं, रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए हैं। अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई है।
सीरिया में रूसी सैन्य ठिकानों के पास दिखे थे अमेरिकी सैन्य विमान
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हमले वाले बयान के अगले ही दिन अमेरिका के सात सैन्य विमान सीरिया के समुद्री तट के पास दिखाई दिए। सीरिया में सरकार समर्थक सेना द्वारा विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी। रासायनिक हमले में 74 लोग मारे गए हैं। सीरियाइ सीमा के नजदीक जहां पर अमेरिकी विमानों की गतिविधि देखी गई, वहां नजदीक ही मेमीम में रूसी एयरबेस और टारटस में नेवल बेस है। इटली के सिसिलिया स्थित अमेरिकी एयरबेस से उड़े छह पी-8 ए और ग्रीस के अमेरिकी अड्डे से उड़े एक ईपी-3ई विमान ने सीरिया के समुद्री तट के नजदीक से गुजरे थे। करीब आठ साल से सीरिया दुनिया की सैन्य ताकतों के लिए मुकाबले का मैदान बना हुआ है। देश की बशर अल असद सरकार को अमेरिका जहां हटाना चाहता है, वहीं रूस उसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। दोनों महाशक्तियों के साथ कई देश यहां हो रहे टकराव में शामिल हैं।