भोपाल। प्रदेश के साढ़े तीन लाख से ज्यादा पेंशनरों को अधिकारियों-कर्मचारियों की तरह 2.57 के फार्मूले से सातवां वेतनमान मिल सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूूर संघ के महामंत्री केपी सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर पेंशनरों के हित में निर्णय लेने की बात रखी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने मूल पेंशन की गणना 2.57 के फार्मूले से करके पेंशन तय करने पर सहमति जताई है। इसके बाद पेंशनर्स महासंघ के पदाधिकारियों ने वित्त मंत्री जयंत मलैया से भी मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक एक जनवरी 1996 के पहले सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ सरकार ने सातवां वेतनमान 2.57 के फार्मूले पर देने का फैसला किया है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार से सहमति भी मांगी है। उधर, प्रदेश सरकार 2.47 के फार्मूले से सातवां वेतनमान देने को तैयार है। इसका प्रस्ताव तैयार करके वित्त विभाग ने कैबिनेट निर्णय के लिए भी 50 प्रतियों में भेज दिया है पर पेंशनर इसके लिए तैयार नहीं है। आठ मई को प्रदेशभर में आंदोलन करने की घोषणा कर चुके हैं। इसी बीच भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री केपी सिंह ने पेंशनरों का पक्ष लेते हुए मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान वित्तमंत्री जयंत मलैया को भी बुलाया गया।
बताया जा रहा है कि बैठक में ही मुख्यमंत्री ने पेंशनरों को सातवां वेतनमान 2.57 के फार्मूले से देने पर सैद्धांतिक सहमति जता दी। इसके बाद पेंशनर महासंघ के खुर्शीद अहमद, एसोसिएशन ऑफ पेंशनर्स के एनएल कैलासिया और विद्युत मंडल पेंशनर्स एसोसिएशन की राधा गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने वित्त मंत्री जयंत मलैया से शनिवार को उनके निवास पर मुलाकात की।
सिवनी में मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को सिवनी में पेंशनरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि पेंशनरों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
पंचायत में करेंगे घोषणा
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने की घोषणा अपने निवास पर पेंशनर्स पंचायत बुलाकर कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि पंचायत मई अंत तक हो सकती है।