नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर में सेलेरी, नौकरी के लिए सबसे बड़ा इश्यू हो गया है। कंफर्ट और अच्छी एचआर पॉलिसी से कहीं ज्यादा लोग सेलेरी को महत्व देते हैं। एक स्टडी रिपोर्ट में सामने आया है कि 83% युवा केवल इसलिए नौकरी बदल लेते हैं क्योंकि नई जॉब में पहले से ज्यादा सेलेरी आॅफर मिलता है। ऐसे युवाओं की आयु 25 से 34 वर्ष के बीच होती है। कर्मचारी चाहते हैं कि कंपनी सेलेरी के अलावा दूसरे लाभ भी दे। वो पेड लीव चाहते हैं, काम के घंटों में राहत चाहते हैं और मेडीकल केयर भी चाहते हैं।
ग्लोबल जॉब साइट इंडीड की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक 80 फीसद लोगों ने इस पर सहमति जताई कि वो अपनी नौकरी को सिर्फ इसलिए बदलते हैं क्योंकि वो अपनी सैलरी में बढ़ोतरी चाहते हैं। हालांकि, कई उत्तरदाताओं ने यह भी कहा कि वे वेतन वृद्धि के स्थान पर काम पर वैकल्पिक लाभ स्वीकार करने के इच्छुक रहते हैं। वहीं 60 फीसद का मानना था कि कार्यकारी घंटों में उदारता बरतना पे-हाईक (वेतन वृद्धि) का एक विकल्प है। वहीं 47 फीसद लोगों ने सालाना छुट्टियों में इजाफे का सुझाव रखा।
40 फीसद लोगों ने यह भी कहा कि वो पेड पैरेंटल लीव को लाभ के रुप में लेना पसंद करेंगे, वहीं 63 फीसद लोगों ने पे-राइज की तुलना में हेल्थकेयर बेनिफिट्स की मांग रखी। दिलचस्प रुप से कुछ ऐसे उत्तरदाता भी रहे जो कि पे राइज की योजना नहीं बनाते हैं, जबकि 43 फीसद लोगों ने यह भी कहा कि उनकी मौजूदा सैलरी संतोषजनक है।
इंडीड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार ने बताया, “ऐसे में जब वेतन में इजाफा पाना कर्मचारियों की वरीयता मे सबसे ऊपर है, यह संगठनों के लिए अनिवार्य हो जाता है कि कर्मचारियों की पूरी की जाएं। आज के समय में नौकरी तलाशने वाले लोग महात्वाकांक्षी करियर की तलाश में रहते हैं और अपने पेशेवर लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और उनके क्षितिज को बढ़ाने के लिए नए अनुभवों की तलाश करने से डरते नहीं हैं।”