सपा, बसपा और गोंगपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस: कमलनाथ

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश में गठबंधन के कयासों पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विराम लगा दिया। उन्होंने बताया कि इस बार चुनाव में क्षेत्र की जरुरत के हिसाब से बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के साथ समझौते किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सितम्बर तक सभी प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे ताकि वो पर्याप्त चुनाव प्रचार कर सकें। चुनाव अभियान की शुरूआत 6 जून को मंदसौर की पिपल्या मंडी से राहुल गांधी करेंगे। 

कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस से मिलिए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कमलनाथ ने अपने या सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल को टाल दिया और कहा कि अभी यह तय नहीं है, लेकिन यह जरूर दावा किया कि कांग्रेस की सरकार बनेगी। उस सरकार में मुख्यमंत्री कौन होगा तो इस प्रश्न को भी उन्होंने मजाक में टाल दिया।

पीके के संपर्क में हूं
कमलनाथ ने कहा कि मैंने पीसीसी अध्यक्ष बनने के लिए देरी से मन बनाया। मेरे इस फैसले के कारण प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने में देरी हुई। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर कई स्तर पर सर्वे करा रहे हैं। एआईसीसी पर्यवेक्षक भेज रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के लिए काम करने वाले प्रशांत कुमार 'पीके" से भी मैं लगातार संपर्क में हूं। कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए जिसके सहयोग की जरूरत महसूस होगी, उन सबकी मदद लेंगे।

1980 में गरीबी थी, आज जीन्स पहनते हैं
छिंदवाड़ा मॉडल संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि 1980 में छिंदवाड़ा में 90 फीसदी लोग गरीब थे, पातालकोट के लोग दुनिया से अलग थे और केवल नमक लेने ऊपर आते थे, महिलाएं कम कपड़े पहनती थीं। आज वहां युवा जीन्स पहन रहे हैं।

सरकार पर निशाना
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में प्रदेश की जनता को सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल और सबसे महंगी बिजली दी जा रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार ने व्यवस्था का रूप ले लिया है।

पीपुल्स आयोग बनाएंगे
कमलनाथ ने कहा कि मप्र में सरकार बनते ही पीपुल्स आयोग बनाएंगे। इसमें व्यापमं घोटाले से लेकर नर्मदा घोटाले जैसे कई भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराई जाएगी। इसमें जनता का प्रतिनिधित्व होगा, नेता-अधिकारी होंगे।

विकास में मदद की
वे बोले कि केंद्र में जिस विभाग में मंत्री रहे वहां से प्रदेश के विकास में मदद की। शहरी विकास मंत्रालय से 5600 करोड़ रुपए दिए तो सेंट्रल रोड फंड के पेट्रोल खपत के मुताबिक राशि आवंटन के मापदंड को बदलकर प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार किया, जिससे मप्र को सड़कों के लिए ज्यादा राशि मिल सकी।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!