भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं परंतु अब वो सिर्फ नाम के महासचिव रह गए हैंं। उनके पास तेलंगाना का प्रभार है परंतु कहा जा रहा है कि जल्द ही वो भी छीन लिया जाएगा। राहुल गांधी ने उनसे आंधप्रदेश का प्रभार भी छीन लिया है। यह प्रभार केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी को सौंप दिया गया है। दिग्विजय सिंह अब केवल मप्र के नेता रह गए हैं। मप्र में गुटबाजी के सबसे बड़े खिलाड़ी दिग्विजय सिंह अब केवल समन्वय समिति के अध्यक्ष भर रह गए हैं।
कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत की ओर से जारी बयान के मुताबिक, दिग्विजय सिंह के स्थान पर चांडी और जोशी के स्थान पर गोगोई की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी आंध्र प्रदेश के प्रभारी महासचिव की जिम्मेदारी से हट रहे दिग्विजय सिंह और पश्चिम बंगाल एवं अंडमान-निकोबार के प्रभारी की जिम्मेदारी से हट रहे जोशी की कड़ी मेहनत और योगदान की सराहना करती है।
हाल ही में दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठित समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। दिग्विजय के पास अब बतौर महासचिव तेलंगाना की जिम्मेदारी है। इससे पहले वो गोवा के भी प्रभारी थे परंतु सरकार ना बना पाने के कारण उनसे गोवा छीन लिया गया था। हताश दिग्विजय सिंह अज्ञातवास में चले गए थे।
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