
अनाथ आश्रम से लाए, SCHOOL में दाखिला कराया
सेक्टर -41 स्थित ए ब्लॉक में रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग मंगलवार को अपने बेटे के साथ अथॉरिटी पहुंचीं। उन्होंने बताया, '28 साल पहले उनके ससुर फुटपाथ पर मिले 8-10 महीने के एक बच्चे को घर ले आए थे। बच्चा हमने अनाथ आश्रम के सुपुर्द कर दिया। कुछ साल बाद अनाथालय बंद हो गया। सब बच्चे इधर-उधर चले गए लेकिन इस बच्चे के साथ हमारे परिवार को कुछ ऐसा लगाव हो गया था कि हम उसे घर ले लाए। स्कूल में दाखिला कराया। दाखिले के समय स्कूल में पैरंट्स की जगह अपना और पति का नाम लिखवा दिया। कुछ समय बच्चा हमारे साथ रहा फिर दूसरे अनाथालय में इंतजाम हो गया। कभी हमारे साथ रहता कभी अनाथालय में। इसी तरह बड़ा हो गया। उसकी जरूरत और अपनी हैसियत के अनुसार हम उसकी आर्थिक मदद करते रहे। मैं भी उसे मुंह बोला बेटा ही मानती रही।'
शादी के बाद PROPERTY में हिस्सा मांगने लगा
उन्होंने आगे बताया कि अब वह 28 साल का हो गया है। उसकी शादी भी हो गई है। वह पिछले दो साल से प्रॉपर्टी में बराबर का हक मांग रहा है। प्रॉपर्टी में बराबर का हक लेने के लिए अथॉरिटी में भी एक फाइल में ऐप्लिकेशन लगा दी है जिसमें खुद को उनका बेटा बताया है।
बस यह गलती हो गई
दरअसल, 28 साल पहले लोगों में इतनी जागरूकता नहीं थी कि स्कूल में किसी बेसहारा बच्चे के पैरंट्स की जगह अपना नाम लिखवाने का अंजाम क्या हो सकता है। अब समय के बाद बदले माहौल में यह संवेदनशीलता उनके लिए मुसीबत बन गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
युवक ने अथॉरिटी में दी गई ऐप्केलिशन में खुद को इनका गोद लिया हुआ बच्चा बताया है और सेक्टर-41 स्थित इनकी कोठी में इनके बेटे के बराबर के हक की मांग की है। महिला की इच्छा के विरुद्ध प्रॉपर्टी कोई नहीं ले सकता।
नवीन कुमार, ओएसडी, नोएडा अथॉरिटी