जबलपुर। EVE MIRACLE कंपनी के मालिक राजस्थान निवासी शिवराज शर्मा की जमानत याचिका के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मप्र शासन से पूछा है कि वो जानकारी जुटाकर बताए कि कुल कितने लोगों ने कंपनी मेंं कितना पैसा जमा कराया था। जो चिटफंड घोटाले का शिकार हुए। हाईकोर्ट ने बैतूल में दर्ज किए गए मामले में केस डायरी भी बुलवाई है। अगली सुनवाई छुट्टियों के बाद होगी।
गुरुवार को न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया गया। दलील दी गई कि जयपुर राजस्थान निवासी शिवराज शर्मा ने EVE MIRACLE JEWELS LIMITED चिटफंड कंपनी के नाम पर निवेशकों के साथ छलावा किया है। बैतूल में ठगे गए निवेशकों की शिकायत पर पुलिस ने धारा-420 सहित अन्य के तहत अपराध कायम किया। लिहाजा, सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आवेदक ने हाईकोर्ट की शरण ली है। आवेदक ने निवेशकों को भरोसा दिलाया था कि वह जमा की गई राशि ब्याज सहित लौटा देगा लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इस वजह से भोल-भाले निवेशक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। यह मामला करोड़ों की ठगी का है।
जयपुर में बरी हो चुका है शिवराज शर्मा
एसटीएफ ने 8 नवंबर 2013 को आरोपी शिवराज शर्मा निवासी जयपुर के खिलाफ धारा 420, 409, मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम और इनामी चिटफंड परिचालन की धारा 3, 4, 5, 6 के तहत केस दर्ज किया था। आरोपी ने ईबे मेरेकल कंपनी की आड़ में इन्वेस्टमेंट योजना निकाली और ग्राहकों को 18 महीने में दोगुने या सोना देने का झांसा दिया। लालच में लोगों ने करोड़ों का निवेश कर दिया। आरोपी के खिलाफ जयपुर और भोपाल में केस दर्ज हुए। कुछ दिनों पूर्व वह जयपुर में बरी हो गया।