भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने पिछले 06 दिनों से हड़ताल कर रहे वनकर्मचारियों की मांगों को सिरे से ठुकरा दिया है। वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार ने उनकी मांगों को पूरी ताकत के साथ कैबिनेट मीटिंग में रखा। उन्होंने वन विभाग के मैदानी अमले को पुलिस विभाग के समान दर्जा दिए जाने की मांग की परतु शिवराज सिंह ने इससे साफ इंकार कर दिया। इतना ही नहीं सीएम ने यह भी कहा कि जो हड़ताल करेंगे, उनकी सुनवाई नहीं होगी।
29 मई को कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा के दौरान कैबिनेट बैठक में रेंजर, डिप्टी रेंजर और फारेस्टर को पुलिस के समकक्ष दर्जा दिए जाने का मुद्दा भी आया। वन मंत्री शेजवार ने कहा कि रेंजर भी थ्री स्टार होता है, इसलिए उसे पुलिस टीआई के बराबर माना जाए। इस पर सीएम ने कहा कि जो हड़ताल करके अपनी मांगे मनवाएंगे, उनकी नहीं सुनूंगा। वर्ष 2006 से पहले जो था, उस पर अभी कोई बात नहीं होगी। शेजवार ने जोर दिया तो सीएम ने टोककर उन्हें चुप करा दिया। दैवेभो के नियमितिकरण पर शेजवार ने नया शब्द देते हुए कहा कि उन्हें अस्थाई नियमित कर दिया जाए, ताकि कोई हटा न सके। इस पर भी सहमति नहीं बनी।
इधर वन कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी है। वो शिवराज सिंह का विरोध प्रदर्शन करते हुए मुंडन भी करा रहे हैं। जंगल और वन्यप्राणी लावारिस पड़े हुए हैं। जंगल में लकड़ी माफिया एव शिकारी सक्रिय हो गए हैं। सरकार ने होमगार्ड सैनिकों को जगल की रक्षा के लिए भेजा है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगो पर भाजपा सहमति जता चुकी है। शिवराज सिंह ने उन्हे जा आश्वासन दिया था, वो उसी को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
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