भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए राहुल गांधी ने एआईसीसी टीम को सीधे शहडोल भेजा। मप्र के इतिहास में यह पहली बार है जब प्रदेश अध्यक्ष के किसी फैसले की तह तक जाने की कोशिश की जा रही है। एआईसीसी टीम सीधे ग्राउंड जीरो पर पहुंची और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिली। इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक संदेश साफ दे दिया है कि मप्र में कमलनाथ को कांग्रेस का सीएमडी नहीं बनाया गया है। अब पार्टी में कार्यकर्ता महत्वपूर्ण है। यदि कार्यकर्ता नाराज हुए तो कमलनाथ के लिए मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 20 जिला अध्यक्षों को बदला था, जिसमें संभागीय जिला शहडोल भी शामिल था। शहडोल में कमलनाथ गुट के सुभाष गुप्ता को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, लेकिन एक साल पहले 2017 में शहडोल नगर पालिका चुनाव के दौरान कांग्रेस से बगावत करने पर सुभाष को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। प्रदेश कांग्रेस में बदलाव होने के बाद कमलगुट होने के कारण सुभाष गुप्ता को शहडोल कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बना दिया गया। जिसकी शिकायत राहुल गांधी से की गई है।
बंद कमरे में जांच कर लौटे राष्ट्रीय सचिव
राष्ट्रीय सचिव हर्षवर्धन सपकल 27 मई की शाम शहडोल पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में बंद कमरे के भीतर पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर रायशुमारी की। इस दौरान राष्ट्रीय सचिव सपकल ने निजता का पूरा ध्यान रखा और बंद कमरे में कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों से जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को चर्चा की। इस दौरान ब्यौहारी विधायक रामपाल सिंह पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि उन्होंने भी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर असंतोष जाहिर किया है।
राहुल गांधी को सौंपी जाएगी जांच रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर जांच करने राष्ट्रीय टीम खुद राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देश पर आई हो। महाराष्ट्र से बुल्डाना विधायक हर्षवर्धन ने बंद कमरे में कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर ली है। बताया जा रहा है कि 90 प्रतिशत शिकायतों को सही पाया गया है। कल इसकी रिपोर्ट सीधे दिल्ली जाकर राहुल गांधी को देंगे।
निष्कासन को लेकर उठे हैं सवाल
मध्यप्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ के खिलाफ गुटबाजी करने वाले कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली जाकर सवाल उठाया है कि कांग्रेस के खिलाफ ही बगावत करने वाले एक निष्कासित कार्यकर्ता को सीधे पार्टी का जिला अध्यक्ष कैसे बना दिया गया। अब कमलनाथ के बचाव में कहा जा रहा है कि खुद कमलनाथ को सुभाष गुप्ता के निष्कासन की पूरी जानकारी नहीं थी। उन्हें भी गुमराह करके लिस्ट जारी करवा दी गई है। बहरहाल नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपने टीम की पहली लिस्ट जारी करके बैकफुट पर चले गए हैं।
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