भोपाल। आगामी 1 जून से होने जा रही गांव बंद हड़ताल से निपटने के लिए पुलिस भी सारी तैयारियां कर रही है। रणनीति कुछ इस तरह से बनाई जा रही है कि यदि किसान आंदोलन के दौरान किसी ने भी कानून तोड़ने की कोशिश की तो उसे वहीं पर सबक सिखा दिया जाएगा। पुलिसकर्मियों को आंदोलनकारी किसानों से निपटने 10 हजार लाठियां और जल्द से जल्द उपद्रव वाले स्थानों पर पहुंचने के लिए 100 गाड़ियां दी गई हैं।
किसान नेताओं की मैन टू मैन मार्किंग
यही नहीं आंदोलनकारियों का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं की जिलों में 'मैन टू मैन" मार्किंग की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में पुलिस और प्रशासन ने अपना मुखबिर नेटवर्क एक्टिवेट कर दिया है। 35 जिलों के किसान नेताओं पर सीधी नजर रखी जा रही है। उनकी हर गतिविधि की खबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में मंगवाई जा रही है।
35 जिलों में पुलिस की सीधी नजर
आंदोलन के दौरान पुलिस को पथराव से बचने के लिए हेलमेट और चेस्टगार्ड भी दिए गए हैं। प्रदेश के करीब तीन दर्जन जिलों में पुलिस मुख्यालय ने मैदानी अमले को सुरक्षा कवच के विभिन्न् आयटमों का वितरण किया है। 10 हजार लाठियां, इससे लगभग दोगुनी संख्या में हेलमेट और चेस्टगार्ड जिलों को आवंटित किए गए हैं। इसी तरह 35 जिलों को 100 चार पहिया गाड़ियां दी जा रही हैं।
इन जिलों में दिए अतिरिक्त वाहन
बताया जाता है कि किसान आंदोलन के मद्देनजर जिला इकाइयों को 31 मई के पहले इन सामग्री को ले जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में सात, भोपाल व दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना व सतना में 5-5 गाड़ियों का आवंटन हुआ है।
इंटरनेट सेवाओं पर अभी पाबंदी नहीं
आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर का कहना है कि अभी इंटरनेट सेवाओं पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है। इस तरह के कदम गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने पर ही उठाए जाते हैं। अभी ऐसी स्थिति नहीं है। बॉन्ड भरवाने की प्रक्रिया पर उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अपनी आवश्यकता के मुताबिक कार्रवाई कर रही है। किसान आंदोलन में जनजीवन सामान्य रहे इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
राहुल गांधी का प्रोग्राम नहीं
देउस्कर का कहना है कि अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मप्र का अधिकृत रूप से दौरा कार्यक्रम नहीं मिला है। मगर कांग्रेस ने इसके लिए प्रशासन से कार्यक्रम की अनुमति ली है।
पल पल की स्थिति पर हमारी नजर
किसान आंदोलन और छह जून के कार्यक्रमों को लेकर स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पिछले साल के किसान आंदोलन में जिन स्थानों पर घटनाएं हुई थीं वहां और कुछ महाकोशल के जिलों में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
आरके शुक्ला, पुलिस महानिदेशक
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