इंदौर। क्या किसी व्यक्ति को अपनी मौत की तारीख और समय का पता चल सकता है। कई दिग्गज ज्योतिषी भी सटीक भविष्यवाणी नहीं कर पाते। विज्ञान में इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। यहां तक कि डॉक्टर्स भी गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की मौत की तारीख नहीं बता पाते परंतु नागदा के नागेश्वर पांचाल को अपनी मौत की तारीख और समय का पहले से ही पता था। उन्होंने सबको बता भी दिया था और निर्धारित दिन व समय पर ही उन्होंने प्राण त्यागे, जबकि वो कोई तपस्वी संत नहीं थे।
नागदा उज्जैन के रतन्याखेड़ी रोड पर रहने वाले नागेश्वर पांचाल 18 अप्रैल से बेटे, रिश्तेदारों और दोस्तों से कह रहे थे 18 मई शाम 4 बजे मैं दुनिया छोड़कर जा रहा हूं, तैयारी कर लो। उनकी बात पर किसी ने भरोसा नहीं किया। अंतिम समय तक वे अपनी बात पर अडिग रहे। आखिरकार उसी दिन शाम 4 बजे नागेश्वर की मौत हो गई। शाम 6 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।
नागेश्वर के बेटे विजय पांचाल ने बताया करीब डेढ़ महीने पहले उनके पैर में एक फुंसी हो गई थी। कुछ दिन बाद वह फूट गई और घाव हो गया। काफी इलाज के बाद भी सुधार नहीं हो रहा था। नागेश्वर के करीबी लक्ष्मण पांचाल ने बताया बीमारी के दौरान वे अक्सर नागेश्वर से मिलने उनके घर जाते थे। इस दौरान बातचीत के बीच वे कई बार कहते कुछ ही दिन का मेहमान हूं, तब तक और मिल लो। यही बात वे बनवाड़ा निवासी रिश्तेदार सतीश पांचाल से भी कहते थे। विजय के अनुसार निधन से एक दिन पहले तक उनके पिता नागेश्वर एक ही बात कहते रहे, जो तैयारी करना है कर लो।
मैं जाने वाला हूं। नागेश्वर की बात परिवार वालों के गले नहीं उतर रही थी। नागेश्वर की बात से सदमे में आया परिवार पूरी रात नहीं सोया। अलसुबह 3 बजे नागेश्वर ने बेटे विजय से कागज मंगवाया और उस पर मौत का दिन, समय और उसके बाद उठावने का समय सुबह 10 बजे का लिखवाया। परिवार ने उनके द्वारा निर्धारित समय पर ही उठावना किया।