भोपाल। राजधानी के यादगार ए शाहजहानी पार्क में एक बार फिर अध्यापकों का विशाल दस्ता आकर जम गया है। प्रदर्शनकारी अध्यापक बंधन मुक्त ट्रांसफर नीति व ट्रांसफर नीति पर रोक हटाने की मांग कर रहे हैं। वो सीएम शिवराज सिंह को वादा याद दिला रहे हैं। अप्रैल माह में शिवराज ने कहा था कि अध्यापकों के ट्रांसफर होंगे और वो अपने गृहजिले में जा सकेंगे बावजूद इसके आदिमजाति कल्याण विभाग ने रोक लगा दी। चौंकाने वाली बात यह है कि अध्यापकों के एक दर्जन से ज्यादा संगठन होने के बावजूद यह विरोध प्रदर्शन बिना किसी नेतृत्व के आयोजित किया जा रहा है।
बंधन मुक्त ट्रांसफर नीति व ट्रांसफर नीति पर रुकी रोक हटाने हेतु आम अध्यापक साथियों का भीषण गर्मी में शाहजहानी पार्क में बड़ी संख्या में अध्यापको का धरना आंदोलन प्रारम्भ कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा कई बार ट्रांसफर नीति की डेट में बदलाव के बाद और अप्रैल माह में सरकार के द्वार नीति मैं स्पष्ट किया गया था कि ट्रांसफर होंगे और अध्यापक सहायक अध्यापक अपने गृह जिले में सेवा दे पाएंगे लेकिन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अध्यापकों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
बिना संगठन और नेता के एकजुट हुए अध्यापक
चौंकाने वाली बात यह है कि आदिम जाति कल्याण विभाग की रोक को हटवाने और अध्यापकों, सहायक अध्यापकों का ट्रांसफर जल्द से जल्द करवाने के लिए बिना किसी नेतृत्व के हजारों की संख्या में अध्यापक और सहायक अध्यापक एकत्रित हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इस मामले में तत्काल फैसला करे अन्यथा यह आग भड़कती जाएगी और इस बार सरकार के पास किसी नेता को मिसगाइड करने का मौका भी नहीं है।