भोपाल। अंग्रेजी के डर से आप में ज्यादातर लोग गुजर चुके हैं। 12 वीं के बाद इंजीनियरिंग या मेडिकल में दाखिले की बारी आती है तो यही डर सताता रहता है कि हिंदी से पढ़ाई करने वाला छात्र अंग्रेजी में यह कोर्स कैसे पूरा कर पाएगा बहरहाल अब यह डर कम होगा। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े मेडिकल-डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों के छात्र परीक्षा हिंदी में दे सकेंगें। मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी है।
यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि पाठ्यक्रम अंगे्रजी में ही रहेगा पर छात्र हिंदी में परीक्षा दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को कॉपियों जांचने के बाद यह देखने में आया है कि छात्र विषय को अच्छे से समझते हैं, लेकिन माध्यम अंग्रेजी होने की वजह से अच्छे से सवाल का जवाब नहीं लिख पाते। लिहाजा अब उन्हें हिंदी में लिखने का भी विल्कप दिया गया है। इतना ही नहीं वे चाहें तक मेडिकल शब्द जिनकी हिंदी पता नहीं है उन्हें अंग्रेजी में लिख सकेंगे।
दरअसल, होम्योपैथी और आयुर्वेद की परीक्षाओं में छह महीने पहले हिंदी से लिखने का विकल्प दिया गया था। डॉ. शर्मा के मुताबिक इसके बहुत अच्छे नतीजे आए हैं। जिन परीक्षाओं के रिजल्ट 17 फीसदी तक रहते थे उनमें दोगुने का सुधार हो गया है। यानी 35 फीसदी तक रिजल्ट हो गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल-डेंटल की परीक्षाओं में रिजल्ट काफी कम आता है। हिंदी में परीक्षा का विकल्प देने के बाद रिजल्ट में सुधार आएगा। साथ ही छात्रों का आत्म विश्वास भी बढ़ेगी।
परीक्षाओं की होगी वीडियो रिकार्डिंग
यूनिवर्सिटी ने प्रैक्टिल परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए परीक्षाओं की वीडियो रिकार्डिंग कराने का निर्णय भी लिया है। यह व्यवस्था आगामी परीक्षाओं से लागू हो जाएगी। दरअसल, कई बार छात्र ही एक-दूसरे पर प्रैक्टिल में ज्यादा अंक देने का आरोप कई बार लगाते हैं। लिहाजा वीडियो रिकार्डिंग कराई जा रही है।
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