सुरभि जैन/नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी राजग सरकार के पिछले चार साल में निवेशकों के अच्छे दिन आए हैं। एनडीए सरकार के कार्यकाल में बीएसई के सेंसेक्स में 41.29 फीसद का उछाल आया। इस दौरान निवेशकों को 72 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई। मई, 2014 में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से सेंसेक्स में 10,207.99 अंक की बढ़त दर्ज की जा चुकी है। इस साल 29 जनवरी को सेंसेक्स अपने सार्वकालिक उच्च स्तर 36,443.98 पर बंद हुआ था।
पूरा स्टॉक मार्केट 75 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। बीएसई में कुल 2,784 कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग होती है। शुक्रवार को बाजार बंद होने के समय इनका कुल बाजार पूंजीकरण 1,47,28,699 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा। सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉक नोट के संस्थापक और सीईओ जिमीत मोदी ने कहा, ‘मोदी सरकार के चार साल काफी उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। योजना और कुछ नीतियों के क्रियान्वयन के मोर्चे पर सरकार का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। वहीं वृहद आर्थिक आंकड़ों के मामले में तस्वीर उतनी गुलाबी नहीं रही।’
2017 ने शेयर निवेशकों को किया मालामाल, मिला इतना रिटर्न
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य आर्थिक रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार का कहना है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सेंसेक्स में कुल 40 फीसद के करीब रिटर्न मिला। अगर तिमाही नतीजों ने साथ दिया होता तो रिटर्न और बेहतर रहने की पूरी उम्मीद थी। उन्होंने सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर आगाह किया। विजयकुमार ने कहा, ‘जैसे-जैसे मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी साल आगे बढ़ेगा, वृहद आर्थिक मोर्चे पर मिलीजुली तस्वीर बनेगी। सबसे बड़ी चुनौती कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं। 80 डॉलर प्रति बैरल के नजदीक चल रहा कच्चा तेल खेल खराब कर सकता है। अगर यह तेजी बनी रही तो राजकोषीय घाटे और चालू खाता घाटे की स्थिति बिगड़ेगी। इससे महंगाई बढ़ने और रुपये के कमजोर होने की आशंका रहेगी।
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