
पानी की कतार और टेंकर का इंतजार
पीएम पद की दावेदारी को राहुल का अहंकार बताते हुए मोदी ने कहा, 'जिस गांव में पानी की किल्लत होती है और गांव को पता चलता है कि मंगलवार को तीन बजे पानी का टैंकर आने वाला है, तो गांव के भोले-भाले लोग सुबह से अपनी बाल्टी रख देते हैं। सारे गांव वाले एक कतार में अपनी बाल्टी लगा देते हैं और फिर तीन बजे टैंकर आएगा, इसका इंतजार करते हैं। लोग इतने ईमानदार होते हैं कि अपने घर चले जाते हैं और अपने कामकाज में लग जाते हैं।
कतार में रखी बाल्टी को कोई नहीं छूता, और फिर टैंकर आते ही लोग बारी-बारी से सभी पानी भरते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि गांव में कुछ दबंग और सिरफिरा भी होता है। कानून, नियम और लोकतंत्र को वो नहीं मानता है। वह तीन बजे ठीक पहुंच जाता है और यूं छाती करके निकलकर आता है। बाकियों की बाल्टी को दूर करके सबसे पहले अपनी बाल्टी को रख देता है और पानी भरकर चला जाता है।
सिरफिरे ने आकर बाल्टी रख दी
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, 'कल हिंदुस्तान की राजनीति में भी ऐसा ही हुआ। अचानक एक आ गया, उसने घोषित कर दिया। बाकी कतार का, जो होगा सो होगा। 40 साल से जो नेता पड़ा है वो पड़ा है। उसने आकर अपनी बाल्टी रख दी कि मैं प्रधानमंत्री बनूंगा। आप मुझे बताएं कि इस प्रकार से स्वयं को पीएम घोषित करना इस बात का सबूत नहीं है कि क्या उनका अहंकार सातवें आसमान पर है। नामदार का अहंकार सातवें आसमान पर पहुंच चुका है।' उन्होंने कहा कि अहंकारी नामदार का खुद को पीएम घोषित करना ये कांग्रेस की आंतरिक लोकशाही की पोल खोलता है।
कोई खुद को उम्मीदवार घोषित कैसे कर सकता है
यही नहीं, रैली में मौजूद लोगों से सवाल पूछते हुए मोदी ने कहा कि कोई कैसे अपने आप को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नामदार, सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं और ये सोना भी विदेश वाला है। इनको गरीबी का पता नहीं है, जब हमने शौचालय बनाए तो उन्होंने कहा कि मोदी अमीरों के लिए काम करता है। क्या देश ऐसे इमैच्योर नामदार को स्वीकार करेगा।