
नारे लिखे हुए नोट
सर्कुलर के मुताबिक अगर किसी भी नोट पर कोई राजनीतिक स्लोगन लिखा हो, तो वह नोट अस्वीकार्य होगा। उसे कोई भी बैंक मान्य नहीं करेगा। आरबीआई ने अपने सर्कुलर में साफ कहा है कि ऐसे नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। इसका मतलब है कि ऐसे नोट देश का कोई भी बैंक मान्य नहीं करेगा। ये पूरी तरह से रद्दी बन जाएंगे। फिर चाहे उनकी वैल्यू कितनी ही ज्यादा क्यों न हो।
रंग लगे हुए नोट
पिछले साल मार्च में व्हाट्सऐप पर एक मैसेज वायरल हुआ था, जिसमें कहा जा रहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रंग लगे हुए नोट नहीं ले रहे हैं। इस पर तस्वीर साफ करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि कोई भी बैंक इन नोटों को लेने से इनकार नहीं कर सकता है। हालांकि इसके साथ ही उसने लोगों को हिदायत दी थी कि वे नोटों को गंदा न करें।
जानबूझकर फाड़े गए नोट
सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक ऐसे किसी भी नोट को स्वीकार न करें, जो जानबूझकर फाड़ा गया हो। आरबीआई कहता है कि वैसे तो जानबूझकर फाड़े गए नोटों की पहचान करना मुश्किल है, लेकिन अगर फटे नोटों को ध्यान से देखा जाए, तो पता चल सकता है।
किस तरह के नोट बदल सकते हैं :
अगर आपके पास मौजूद नोट मटमैला हो गया है या फिर फट गया है, लेकिन उस पर सभी जरूरी जानकारी नजर आ रही है, तो बैंक ऐसे नोट बदलने से इनकार नहीं कर सकते। सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को ऐसे भी नोट बदलने होंगे, जो दो हिस्सो में फट गए हैं, लेकिन नोटों पर जरूरी जानकारी मौजूद है। बैंकों को उन नोटों को भी स्वीकार करना होगा, जो चिपकाए गए हों।