कोझिकोड। केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से पीड़ित मरीजों की सेवा करते हुए नर्स लिनी अपनी जान गवां बैठीं। दुखद तो यह भी है कि उसका अपना पति उसका अंतिम संस्कार नहीं कर पाया। प्रशासन ने उसके पूरे परिवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोक दिया। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने नर्स का अंतिम संस्कार किया क्योंकि निपाह संक्रमित मरीज के शव से भी संक्रमण फैलता है। यह इतना अधिक खतरनाक है कि मात्र 48 घंटे में संक्रमित मरीज की मौत हो जाती है। अब तक इसका कोई इलाज नहीं मिला है।
पति को लिखा अंतिम पत्र, अब तक 13 मौतें
नर्स लिनी पेरांबरा तालुक अस्पताल में काम करती थीं। यह वह अस्पताल है, जहां इस वायरस से प्रभावित सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। लिनी इन्हीं लोगों में से तीन की देखभाल कर रही थीं। तभी वह इस जानलेवा वायरस से संक्रिमित हो गईं। जब उन्हें लगा कि वह बच नहीं पाएंगी तो उन्होंने अपने पति को चिट्ठी लिखकर कहा, मैं तुमसे अब मिल नहीं सकती। अपने बच्चों का ख्याल रखना। केरल में इस वायरस से प्रभावित होकर मरने वालों का आंकड़ा 13 पहुंच चुका है। मंगलवार को दो और लोगों की मौत हुई। छह लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि 25 को निगरानी में रखा गया है। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि लिनी की निस्वार्थ सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।
निपाह से कब संक्रिमित हुईं लिनी?
कहा जा रहा है कि लिनी गुरुवार को अपने घर से निकली। उन्होंने शाम को 6 बजे अपनी डयूटी ज्वाइन की। इसके बाद उन्होंने इस वायरस से पीड़ित एक ही परिवार के तीन लोगों की देखभाल शुरू की। वे इन तीनों के साथ रातभर रहीं। उनसे बात करती रहीं। बाद में इन तीनों की मौत हो गई। अस्पताल के मुताबिक, शायद इसी दौरान लिनी भी वायरस से संक्रिमित हो गई थीं।
बच्चों से भी नहीं मिल पाई
लिनी के दो बच्चे सिद्धार्थ (5 साल) और रितुल (2 साल) हैं। दोनों मां को आखिरी बार देख भी नहीं सके। उनके पति सजीश लिनी की बीमारी के बारे में सुनकर दो दिन पहले ही बहरीन से केरल लौटे थे।
पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत रहना
पर्यटन मंत्री कदाकमपल्ली सुरेंद्रन ने लिनी की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने फेसबुक पर लिनी का आखिरी पत्र शेयर किया जो उन्होंने अपने पति के लिए लिखा था। उसने लिखा- "मुझे नहीं लगता कि अब मैं तुमसे मिल पाऊंगी। प्लीज हमारे बच्चों की देखभाल करना। उन्हें अपने साथ गल्फ (खाड़ी देश) ले जाओ, और हमारे पिता की तरह बिल्कुल अकेले मत रहना।
क्या होता है निपाह वायरस?
चमगादड़ या सूअर जैसे जानवर इस वायरस के वाहक हैं। संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने या इनके संपर्क में आई वस्तुओं, सब्जियों या फलों के सेवन से निपाह वायरस का संक्रमण होता है। निपाह वायरस से संक्रमित इंसान भी संक्रमण को आगे बढ़ाता है। 1998 में पहली बार मलेशिया के कांपुंग सुंगई निपाह में इसके मामले सामने आए थे। इसीलिए इसे निपाह वायरस नाम दिया गया। 2004 में यह बांग्लादेश में इस वायरस के प्रकोप के मामले सामने आए थे। बताया जा रहा है कि केरल में यह पहली बार फैला है। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बनी है।