नई दिल्ली। विशेषज्ञों का कहना है कि पेट्रोल के दाम 8 रुपए प्रति लीटर तक और बढ़ सकते हैं। जनता न पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले बेतहाशा टैक्स खत्म करने की मांग की है जबकि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केवल इतना कहा कि हम मानते हैं कि इससे मिडिल क्लास को परेशानी आ रही है। बता दें कि कर्नाटक चुनाव के बाद हफ्तेभर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना उछाल आ रहा है। 12 मई से अब तक दिल्ली में पेट्रोल 1.62 प्रति लीटर रुपए महंगा हो चुका है। डीजल पहले से ही लाइफटाइम हाई पर बना हुआ है।
भारत सरकार इसका हल खोज लेगी: प्रधान
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, 'मैं स्वीकार करता हूं कि तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी से देश की जनता और खास तौर से मिडिल क्लास को काफी परेशानी हो रही है। इसके पीछे वजह तेल कंपनियों के प्रोडक्शन में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी है। भारत सरकार जल्द ही इसका हल खोज लेगी।'
दूसरी ओर, दिल्ली में बढ़ती तेल कीमतों पर लोगों ने कहा कि सरकार को महंगाई पर लगाम लगाने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटनी चाहिए। मुंबई के उपभोक्ताओं ने कहा कि मुंबई में दिल्ली और गुजरात की अपेक्षा पेट्रोल इतना महंगा क्यों है? लोगों को रोजाना करीब 120 रुपए तक पेट्रोल पर खर्च करने पड़ रहे हैं।
गुजरात चुनाव के बाद भी ऐसा हुआ था
पिछले साल गुजरात चुनाव से पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी सरकारी कंपनियों ने वहां लगातार 15 दिन तक पेट्रोल के दाम में 1 से 3 पैसे की कटौती की थी। गुजरात में 14 दिसंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे। वहां भी वोटिंग के बाद तेल कंपनियों ने दाम बढ़ाने शुरू कर दिए।
8 रुपए लीटर तक बढ़ सकते हैं दाम
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उछाल आने से घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी रहने की संभावना है। पेट्रोल-डीजल के दाम अभी 6 से 8 रुपए तक बढ़ सकते हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी ने भी पेट्रोल के दाम में 4 रुपए प्रति लीटर तक उछाल आने की संभावना जताई है।
दो साल में 90 डॉलर/बैरल हो सकता है कच्चे तेल का दाम
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में दो साल तक उछाल आने का अनुमान है। 2020 तक यह 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। इससे पहले अक्टूबर 2014 में यह 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचा था।