भोपाल। नगरनिगम कमिश्नर प्रियंका दास ने कलेक्टर की अनुशंसा पर भोपाल नगरनिगम सीमा में घोड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है। आने वाले दिनों में आपको बारातों में दुल्हे के लिए घोड़े नहीं मिलेंगे। इसके अलावा पशुओं की दौड़, मेले, सर्कस या किसी भी चीज में घोड़ों का उपयोग नहीं किया जाएगा। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रतिबंध ग्लैन्डर्स नाम की एक बीमारी के कारण लगाया गया है।
कमिश्नर प्रियंका दास ने बताया कि काजी कैंप बाफना कालोनी में रहमान बक्श के घोड़े में ग्लैन्डर्स नाम की खतरनाक बीमारी का पता चला है। इसी के साथ सारे शहर में घोड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां तक कि अश्व प्रजाति के पशुओं के आवागमन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब सारे शहर में मौजूद घोड़ों की जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि यह संक्रमण केवल एक ही घोड़े में था या और भी पशुओं में फैल गया है।
संक्रामक बीमारी, कोई इलाज नहीं, मौत सुनिश्चित, इंसानों में भी फैल सकती है
पहली बार देश में 2006 में घोडों में ग्लैंडर्स का मामला सामने आया था लेकिन उस पर तुरंत काबू पा लिया गया था। अगस्त 2016 में उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और हरियाणा में करीब 400 घोड़ों में ये बीमारी पाई गई थी। अब तक भारत में इस बीमारी से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है लेकिन अमेरिका में साल 2000 में इंसानों में ये बीमारी देखने को मिली थी। देशभर में हरियाणा के हिसार स्थित राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र में इस बीमारी के सैंपल की जांच की जाती है। जानवरों में बीमारी की पहचान के बाद टीका लगाकर उसे मारा जाता है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक, बीमारी से ग्रसित घोड़े या अन्य जानवरों को मारने के बाद उसे 6 से 7 फीट गहरे गड्ढे में डालना चाहिए। ताकि कोई अन्य जानवर उसके संपर्क में नहीं आए।