
किसी दर्जा प्राप्त स्मारक में किसी भी तरह की छेड़ छाड़ अपराध है और सिटीजन चार्टर का भी पूरी तरह उल्लंघन है। बता दें कि देश के हर स्मारक के बाहर साफ साफ शब्दों में लिखा गया है कि स्मारक अंदर या बाहर, दीवार को पेंट या वाइटवॉश नहीं किया जा सकता है। वहीं इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने विभाग से जांच करने और रिपोर्ट भेजने की बात कही है।
देश भर के मॉन्यूमेंट की देख रेख पुरातत्व विभाग के साथ मिल कर INTACH पिछले कई वर्षों से कर रही है। इनटैक दिल्ली के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा कि 15 वीं सदी के बनाए गए स्मारकों की देखरेख कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक बंद है। इसका पुनरुद्धार का काम स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से नहीं हो सकता है।
हम पुलिस में भी गए थे लेकिन हमारा काम नहीं बन पाया लेकिन अब यह एक मंदिर बन गया और हमने एक स्मारक खो दिया है। इस स्मारक के पास दो गेरुआ रंग की दो बैठने की बेंच लगा दी गई है उसपर बीजेपी काउंसिलर राधिका एबरोल फोगाट का नाम लिखा है। फोगाट ने मीडिया को बताया कि स्मारक को बिना मेरी जानकारी के मंदिर में बदल दिया गया है। शायद यह पूर्व बीजेपी काउंसिलर का काम है। मैंने इसका विरोध भी किया था और कहा था कि यह एक संवेदनशील विषय है।