GWALIOR HIGH COURT NEWS | अपने अधिकारी को बचाने के लिए अफसरशाही किस तरह से एकजुट हो जाती है और क्या कुछ नहीं कर देती, यह मामला इसका एक उदाहरण है। किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव विनय सिंह राठौर उर्फ मनिया हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट की कार्यवाही जारी थी और आईजी (शिकायत) आरएस कौल (IPS) के खिलाफ विभागीय कार्रवाई संभावित थी। कौल को कार्रवाई से बचाने के लिए अधिकारियों ने हाईकोर्ट में चल रहे मामले को योजनाबद्ध तरीके से टाला और 30 अप्रैल को आईजी कौल शान से रिटायर हो गए। अब उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हो पाएगी।
हाईकोर्ट ने जनवरी में मांगी थी विभागीय कार्रवाई की जानकारी
बता दें कि पुलिस मुख्यालय में पदस्थ तत्कालीन आईजी (शिकायत) आरएस कौल पर आरोप है कि उन्होंने मनिया हत्याकांड के आरोपी कांग्रेस नेता अरविंद यादव को बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट तैयार की। मामले में जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कहा कि 5 जनवरी 2018 एवं 26 मार्च 2018 को शासन के वकील से पूछा गया था कि आरएस कौल द्वारा दी गई झूठी जांच रिपोर्ट पर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई प्रस्तावित की गई? साथ ही जानकारी मांगी गई थी कि उक्त जांच के लिए श्री कौल के आवागमन संबंधी रोजनामचा एवं विस्तृत जानकारी दें, कि किस प्रकार और कहां पर उन्होंने यह जांच की थी।
सख्त हुआ हाईकोर्ट
जस्टिस अहलूवालिया ने आदेश दिए हैं कि मामले में अब कोई समानांतर जांच नहीं की जाएगी। जांच से संबंधित सभी दस्तावेज 9 मई तक न्यायालय में पेश किए जाएं। चूंकि यह मामला जमानत से जुड़ा हुआ है इसलिए इसकी सुनवाई किसी भी आधार पर टाली नहीं जाएगी।
अफसर को बचाने के लिए मामला ही कमजोर कर दिया
मामले में मृतक की पत्नी आएशा सिंह के एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने हाईकोर्ट को बताया कि पुलिस तथ्य छिपाकर आरएस कौल को बचाने का प्रयास कर रही है, जिससे पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाएगा। गौरतलब है कि केस में लगातार पुलिस अफसर आधी- अधूरी जानकारी देकर श्री कौल का बचाव करते रहे। इसी बीच श्री कौल 30 अप्रैल को रिटायर भी हो चुके हैं।