INDORE | MP | CRIME | NEWS | सोनिया शर्मा की मेडिकल जांच में एक और खुलासा हुआ है कि असल में वह पहले लड़का थी और उसका नाम सोनू बाबा है। तीन साल पहले वह लिंग परिवर्तन कर सोनू से सोनिया बन गई। पुलिस का पावर देख उसने अफसरों से संपर्क बढ़ाया। सैकड़ों लोगों को कभी पुलिस अफसरों की रिश्तेदार तो कभी गृह सचिव की बेटी बताकर ठगा। आश्चर्य यह है कि अभी तक उसके खिलाफ शिकायत करने कोई भी नहीं आया। एसी में सोने वाली सोनिया तीन दिन पुलिस रिमांड पर रही। इस दौरान उसकी रातें महिला थाने के लॉकअप में जागकर बीती।
एडीजी अजयकुमार शर्मा की बहन बताने वाली सोनिया शर्मा को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। उसका पर्दाफाश तब हुआ, जब उसका सामना एडीजी से हो गया। सोनिया ने अधीनस्थों को बताया था कि वह एडीजी की बहन है। यह सुनते ही अफसरों ने उसकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं रखी। दस माह तक वह ऑफिसर्स मेस में ठाठ के साथ रुकी रही। एएसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि सोनिया ने एडीजी के नाम पर सभी को धोखा दिया। रिमांड के दौरान पता चला कि सोनिया के संपर्क में लिंबोदी, निपानिया, लसूड़िया, बायपास के बड़े-बडे बिल्डर थे। भोपाल व होशंगाबाद के बिल्डर को भी वह पुलिस अफसरों के नाम पर चपत लगा चुकी है।
उसके परिवार का अभी तक पता नहीं चला
सोनिया 2008 में इटारसी में ठगी के मामले में पकड़ा चुकी है। तब भी मेडिकल रिपोर्ट देख पुलिस चौंक गई थी। पूछताछ में उसने असली नाम सोनू बाबा बताया था। इधर, तीन दिन के रिमांड में पुलिस को उससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ। सोनिया ने जो भोपाल के नाम-पते बताए थे, वे सभी फर्जी मिले। उसका बैकग्राउंड अभी तक पता नहीं चल पाया है। उसने पुलिस को यही बताया कि माता-पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी।
अवैध धंधों पर था निशाना
सोनिया के तीन बैंक खाते मिले हैं, जिनकी पड़ताल की जा रही है। उसके पास से एक लैपटॉप व पेन ड्राइव जब्त की गई। लैपटॉप में 480 पुलिस अफसर के नंबर सेव थे। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल से खुलासा हुआ कि वह डीआईजी से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों के संपर्क में थी। उसके मोबाइल में कॉल रिकॉर्डिंग भी मिली। उसने पूछताछ में खुलासा किया कि वह ऐसे लोगों को निशाना बनाती थी जो अवैध काम करते थे। पुलिस के आला अधिकारियों की मदद से अधीनस्थों के ट्रांसफर में रुपए कमाती थी।
4 ड्राइवर के हुए बयान, सभी को क्लीन चिट
सोनिया से चार ड्राइवर जुड़े थे। उन्होंने बताया कि सोनिया के बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है। वह जहां बोलती थी, वे गाड़ी लेकर चल देते थे। उनका काम सिर्फ लाना-ले जाना था। पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। सोनिया एयर टिकट से लेकर शौकिया काम के लिए गृह सचिव की बेटी बताकर भी लोगों को ठगती थी। वह कहती थी कि वह पीएससी की तैयारी कर रही है।
अफसरों की लिप्तता की जांच अधूरी
सोनिया के केस में आला अफसरों की कितनी भूमिका है, इस पर जांच टीम आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने बताया कि कॉल डिटेल से लेकर मोबाइल रिकॉर्डिंग में कई पुलिस अधिकारी सामने आए हैं। उनकी भूमिका कितनी है, यह अभी पता नहीं चला।