
सबकुछ महंगा होगा लेकिन बस का किराया नहीं बढ़ा
मप्र बस ऑनर एसाेसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हेमेन्द्र करनावत ने कहा कि पिछले कई सालों से मप्र सरकार ने प्रदेश मेें बसों का किराया नहीं बढ़ाया है जबकि पिछले दो सालों में ही डीजल, ऑयल, टायर, शासन का टैक्स, मोटर पार्टस के दाम काफी बढ़ गए है। प्रदेश में चलने वाली बसों के मालिक आर्थिक संकटों का सामना कर रहे है। पिछले कई माह से हम प्रदेश सरकार से किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।
इंदौर में हड़ताल का फैसला, बाकी 16 मई को करेंगे
प्रदेश अध्यक्ष हेमेन्द्र करनावत का कहना है कि इंदौर संभाग के बस मालिकों ने 21 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय ले लिया है। वहीं अन्य संभागों में 16 मई को इस संबंध में बैठक रखी गई है। उज्जैन, ग्वालियर, भोपाल, होशंगाबाद, रीवा, जबलपुर और शहडोल संभाग के बस मालिक संभवत: 16 मई को हड़ताल की घोषणा कर देंगे। प्रदेश के सभी संभागों के बस मालिकों द्वारा 21 मई को हड़ताल करने से प्रदेश में चलने वाली 30 हजार से अधिक बसों के पहिए थम जाएंगे। संपूर्ण प्रदेश में बस हड़ताल होने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इंदौर संभाग की 5 हजार से अधिक बसों के पहिए 21 मई से थम जाएंगे। 21 मई से इंदौर, धार, झाबुआ, बड़वानी, खंडवा, अलिराजपुर, बुरहानपुर, खरगोन, देवास, आदि शहरों से बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा।
फरवरी में सरकार ने दिया था आश्वासन
इससे पहले 17 फरवरी को भी बस ऑनर एसोसिएशन ने किराए में बढ़ोतरी किए जाने की मांग को लेकर सांकेतिक हड़ताल की थी। उस समय परिवहन आयुक्त और परिवहन सचिव ने बस मालिकों के साथ बैठक करके एक माह के अंदर किराया बढ़ाए जाने के संबंंध में आदेश निकालने का आश्वासन बस मालिकों को दिया था। बस मालिकों का कहना है कि इस बात को दो माह से अधिक समय हो गया है लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है।
किराया बोर्ड ने किया 25 फीसदी बढ़ोतरी की अनुशंसा
बस मालिकों द्वारा किराए में 40 फीसदी बढ़ोेतरी किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश सराकर ने एक किराया बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड ने अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी जिसमें बोर्ड ने प्रदेश सरकार से वर्तमान बस किराए में 25 फीसदी की बढ़ोतरी करने का अनुमोदन किया था।
अभी है 92 पैसा प्रति किलोमीटर किराया
वर्तमान में प्रदेश में चलने वाली बसों का किराया 92 पैसा प्रति किलोमीटर सरकार द्वारा तय किया गया है। यदि प्रदेश सरकार इस किराए को बोर्ड की अनुशांसा के तहत 25 फीसदी भी बढ़ाती है तो प्रति किलोमीटर किराया 23 पैसा बढ़ जाएगा। अर्थात मप्र में एक किलोमीटर का किराया वर्तमान के 92 पैसे से बढ़कर 115 पैसे प्रति किलाेमीटर हो जाएगा।
इंदौर भोपाल का किराया 184 से बढ़कर 230 रुपए हो जाएगा
महंगाई से पहले ही परेशान आम जनता पर बसों का किराया बढ़ने से अतिरिक्त बोझ आएगा। वर्तमान में इंदौर से भोपाल जाने के लिए सामान्य बस का किराया 92 पैसा प्रति किलोमीटर के हिसाब से 200 किलोमीटर का 184 रुपए बस मालिकों द्वारा वसूला जाता है। यदि सरकार इस किराए में 25 फीसदी की बढ़ोतरी करती है तो इंदौर से भोपाल का किराया वर्तमान के 184 रुपए से बढ़कर 230 रुपए हो जाएगा। वर्तमान में भी बस मालिक तय किराए से अधिक की वसूली आम जनता से करते हैं। इंदौर-भोपाल का तय किराया (सामान्य बस) 184 रुपए हैं लेकिन जनता से 200 रुपए वसूले जाते है।
चार्टड बस : 325 से बढ़कर 406 रुपए हो जाएगा इंदौर-भोपाल का किराया
प्रदेश में संचालित हो रही चाटर्ड बसें किराए के नाम पर यात्रियों की जेब काट रही है। जानकारों के अनुसार मोटर व्हीकल एक्ट में चार्टड बसें डिलक्स श्रेणी में रजिस्टर्ड है। लेकिन चार्टड बस ऑपरेटरों ने अपनी बसों पर सुपर डिलक्स लिखा रखा है और वे इसी श्रेणी का किराया वसूलते हैं। जबकि मप्र मोटर व्हीकल एक्ट में सुपर डिलक्स नामक कोई श्रेणी ही नहीं है। डिलक्स श्रेणी का किरया मप्र में फिलहाल 1.05 पैसे प्रति किलोमीटर तय किया गया है। इस हिसाब से इंदौर से भोपाल का किराया चार्टड बसों के लिए सरकार ने 210 रुपए तय किया है लेकिन चार्टड बस ऑपरेटर इंदौर से भोपाल का किरया 325 रुपए वसूल रहे है। वहीं यदि किराए में 25 फीसदी बढ़ोतरी होेती है तो इंदौर-भोपाल के मध्य चलने वाली चार्टड बसों का किराया वर्तमान के 325 रुपए से बढ़कर 406 रुपए हो जाएगा।