जबलपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिनाँक 07.07.2017 को आदेश जारी कर पूर्व के आदेशों को निरस्त कर नई वेतन निर्धारण प्रक्रिया के अनुसार वेतन निर्धारण प्रारंभ किया गया। परिणाम स्वरूप विद्दमान वेतन से कम पर निर्धारण होने पर मासिक वेतन में हुई। ऊपरोक्त विसंगति न्यायिक अनुवीक्षण के अधीन आने पर एवं अध्यापक संघों की मांग के चलते दिनांक 21/12/2017 को स्पष्टीकरण जारी कर विसंगति को दूर करने का प्रयास किया गया।
परन्तु, उपरोक्त स्पष्टीकरण विचारशील निर्णय न होने के कारण, अध्यापक संवर्ग में 2006 के पश्चात नियुक्त संविदा शिक्षक वर्ग-2 ( वर्तमान अध्यापक) का वेतन , आदेश दिनाँक 07.07.2017 एवम स्पष्टीकरण के अनुसार किये जाने पर, वर्तमान वेतन कम हो रहा है, एवम संवर्ग में कनिष्ठ अधिक वेतन प्राप्त कर रहे हैं। इसी प्रकार, शिक्षा कर्मियों के रूप में की गई सेवाओं की वेतन वृद्धि, नए निर्धारण में न दिए जाने के परिणामस्वरूप, शिक्षाकर्मियों (अध्यापकों) का वेतन भी कम हो रहा था।
परिणामस्वरूप, जबलपुर जिले में पदस्थ श्री प्रहलाद पटेल, मनीष वर्मा कटनी जिले में पदस्थ श्री राकेश कुमार गौतम, सागर जिले के बिचपुरी, संकुल में पदस्थ श्री गोविंद यादव एवम राज कुमार श्रीवास्तव, रायसेन जिले में पदस्थ श्री गंगा प्रसाद रघुवंशी, श्री संतोष रघुवंशी, श्री संतोष सक्सेना, श्री अमित त्रिपाठी , मनोज पाठक एवम छिंदवाड़ा जिले मे पदस्थ श्री धीरेंद्र कुमार दुबे, योगेश कुमार तिवारी, सिहोर में पदस्थ श्री श्रीराम कुलखंडिया, बुरहानपुर जिले में पदस्थ श्री प्रहलाद पाटिल इंदौर जिले से श्री घनश्याम पटेल ,द्वारा , जबलपुर हाई कोर्ट के समक्ष, राज्य शासन एवं अन्य के विरुद्ध रिट याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा चर्चा के दौरान बताया गया है कि प्रारम्भिक तौर पर माननीय हाई कोर्ट, जबलपुर, का ध्यान अध्यापक संविलियन नियम, वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 (छठवां वेतनमान) के अनुसार 1.86 का गुणा 3 प्रतिशत की वृद्धि सहित एवं 6 माह से ऊपर की अवधि को पूर्ण वर्ष न माने जाने, एवं शिक्षा कर्मियों को पूर्व की सेवाओं के बदले अप्राप्त वेतन वृद्धियों की ओर आकृष्ट किया गया है। माननीय हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर वर्तमान वेतन कम करने पर रोक लगा कर, राज्य शासन एवम अन्य को नोटिस जारी किए हैं।