
दिव्या स्पंदना ने इन वीडियो को लेकर आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र बाजपेयी से बात की। उनके अलावा भी अन्य पदाधिकारियों से दिव्या स्पंदन ने बातचीत की। सूत्रों की मानी जाए तो एआईसीसी और पीसीसी के सोशल मीडिया सेल मिलकर इस तरह के हमलों का जवाब देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। पहली बार कांग्रेस ने यह माना कि इस तरह से हमलों से नुक्सान होता है और जनता में नेताओं की छवि बदल जाती है। इससे पहले तक कांग्रेस में कमलनाथ के समकक्ष वरिष्ठ नेता सोशल मीडिया को महत्व नहीं देते थे। 2014 की हार का कारण भी यही पुरानी सोच थी।
क्या था उन 2 वीडियो में जिसने दिल्ली हिला दी
पहला वीडियो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की बैठक के बाद आया। शाह ने मप्र में भाजपा की सरकार को 'अंगद का पांव' कहा था। वीडियो में 'रामायण' के उस प्रसंग को दिखाया गया जिसमें अंगद रावण के दरबार में उपस्थित होता है। अंगद की जगह सीएम शिवराज सिंह थे। कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज का पैर हिलाने की कोशिश की परंतु नाकाम रहे। फिर कमलनाथ आए।
दूसरे वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी लपेट लिया गया। थ्री ईडियट्स की थीम पर तैयार किए गए इस वीडियो में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को 'थ्री ईडियट्स' बताया गया है। सोशल मीडिया पर दोनों वीडियो अभी भी वायरल हो रहे हैं।