BURHANPUR | MADHYA PRADESH | मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में 3 दिन पहले किसान कारकुंड कोंडू ने जहरीला पदार्थ सेवन करके आत्महत्या कर ली थी। अब उसकी दर्दनाक कहानी सामने आई है। बताया जा रहा है कि वो कर्ज के बोझ तले बुरी तरह दब चुका था। कर्ज से उबरने के लिए किसान ने अपने बेटे को गिरवी (बंधुआ) तक रख दिया परंतु फिर भी जब कुछ नहीं हुआ तो अंतत: निराश किसान ने आत्महत्या कर ली। उसका बेटा अब भी लेनदार के यहां बंधुआ है।
बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भोलाना गांव में कर्ज से तंग आकर आत्महत्या करने वाले किसान की अभी तक किसी ने सुध नहीं ली है। पता चला है कि लगातार सिंचाई व्यवस्था नहीं होने से किसान की फसल खराब हो रही थी। किसान सहकारी समिति, स्थानीय साहूकारों के लोन की राशि पाटने के लिए अपने किशोर बेटे को ढाई लाख रुपए में पड़ोस के गांव में एक व्यक्ति को गिरवी पर दिया था। उसके पास बेटे को मुक्त कराने का कोई रास्ता नहीं था। वो लगातार तनाव में था और इसी के चलते उसने आत्महत्या कर ली।
किसान के परिजनों के अनुसार मृतक किसान कारकुंड कोंडू की पानी की बावड़ी सूखने के कारण लगातार तीन फसलें खराब हो गई, जिससे उसे घाटा हो गया। सहकारी समिति के लोन के साथ-साथ कुछ लोगों से ली गई उधार राशि, साथ ही अपने बेटे को पड़ोस के गांव में ढाई लाख रुपए में गिरवी रखा था, उसे नहीं छुड़ा पाने के गम में यह कदम उठाया है।