भोपाल। आज का दिन कमलनाथ की जिंदगी का दूसरा एतिहासिक दिन है। पहले जब वो छिंदवाड़ा के सांसद बने थे और दूसरा जब वो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद ग्रहण करने आए। एयरपोर्ट से पीसीसी तक जबर्दस्त रैली का आयोजन किया गया लेकिन ऐसी और हवाई यात्राओं वाले कमलनाथ भोपाल का रोडशो और गर्मी सहन नहीं कर पाए।
रैली के बीच में ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हे नारियल पानी पिलाकर गर्मी को कुछ शांत किया। अब कहा यह भी जा रहा है कि रैली में शामिल होने से पहले भी कमलनाथ ने लू से बचने के लिए कुछ विशेष प्रबंध किए थे।
रैली में दोनों साथ थे लेकिन नजरें अपने अपनों पर थीं |
कमलनाथ पर अब मध्यप्रदेश का भार है। जीत के बाद कितना सुख मिलेगा इसकी कल्पना बाद में कर लेंगे परंतु फिलहाल बड़ी चुनौती है। उन्हे भरी गर्मी में मध्यप्रदेश का दौरा करना है फिर बारिश का भी सामना करना है। वो छिंदवाड़ा तक ही सीमित थे परंतु अब पूरा मध्यप्रदेश है। यह ऐसा प्रदेश है जहां हर 150 किलोमीटर के बाद मौसम के तेवर बदल जाते हैं। 71 साल के कमलनाथ क्या मौसम से लड़ पाएंगे अब ये सवाल भी उठ रहा है।