
सोशल मीडिया पर घोषित हुई महापंचायत, सोशल मीडिया पर ही स्थगित हो गई। 9 मई को आनन फानन में संयुक्त संघर्ष मंच के दिनेश सिंह 'तोमर' के द्वारा महापंचायत निरस्त होने की सूचना दी गई। अब संविदा कर्मचारी नाराज हो गए हैं। वो अपने ही नेताओं से खफा हैं। संदीप चतुर्वेदी का कहना है कि इसका एक सीधा मतलब यह भी लगाया जा सकता है, कि कई संघ अध्यक्षों ने भ्रामक ढ़ंग से महापंचायत होने के विषय में स्वघोषित अपवाह प्रसारण कराया था, एवं स्वघोषित महातंचायत के एक दिवस पूर्व तक 9 मई की शाम तक संविदा महापंचायत के सम्बन्धित कोई भी आधिकारिक घोषणा पत्र प्राप्त् न होने पर आनन फानन में संयुक्त संघर्ष मंच द्वारा महापंचायत से अपना पल्ला झाड़ते हुये मुख्यमंत्री के कर्नाटक में चुनावी दौरा बताकर कर्मचारी आक्रोश से अपना बचाव किया है।
निष्कासित संविदा कर्मचारियों की तो जानकारी तक नहीं जुटाई
निष्कासित कर्मचारियों की अभी तक विभागवार जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। जबकि संविदा नियममितीकरण प्रक्रिया के पहले चरण में ही निष्कासित कर्मचारियों के बहाली किये जाने सम्बन्धित समस्त विभागों से निष्कासित कर्मचारियों की पदवार जानकारी संग्रहित कर तैयार की गई सूची मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करना था। निष्कासित कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी बहाली नहीं हो जाती। यह प्रक्रिया आगे बढ़ने नहीं दी जाएगी।