नई दिल्ली। 2014 केंद्र में पीएम मोदी सरकार गठित होने के बाद से भाजपा संगठन लगातार कमजोर प्रमाणित होता जा रहा है। गुजरात चुनाव में संगठन कुछ नहीं कर पाया। अंतत: पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार के दूसरे मंत्रियों ने कमान संभाली और बड़ी मुश्किल से प्रतिष्ठा बचाई। अब कर्नाटक में भी संगठन शक्तिहीन सा नजर आ रहा है। कर्नाटक की कमान भी पीएम मोदी को सौंपी जा रही है। पहले 15 रैलियों का शेड्यूल जारी किया गया था अब 21 रैलियां तय कर दी गईं हैं। पीएम को इस तरह चुनाव प्रचार में झोंक देना स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है कि संगठन कमजोर है। बिना मोदी के भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती। यहां जिक्र करना जरूरी है कि 2014 के बाद हुए लोकसभा उपचुनावों में ज्यादा भाजपा हार गई। जहां जहां मोदी नहीं गए, वहां वहां भाजपा हारती नजर आ रही है।
कर्नाटक में मोदी गुरुवार को कलबुर्गी, बेल्लारी और बेंगलुरु में 3 रैलियों के माध्यम से 47 सीटों को कवर करेंगे। उधर, स्थानीय नेताओं की मांग पर प्रधानमंत्री की रैलियों की संख्या बढ़ा दी है। पहले शेडयूल में उन्हें 15 जगह जनसभाओं को संबोधित करना था। अब 6 और रैलियां करेंगे। यानी मोदी अब कुल 21 रैलियां करेंगे। हालांकि, अभी भाजपा ने यह नहीं बताया है कि ये रैलियां कहां और कब होंगी। इन नेताओं का कहना है कि मोदी की 1 मई को हुई 3 रैलियों से माहौल बदला है। बता दें कि राज्य में 224 सीटों पर 12 मई को वोटिंग होगी और 16 मई को नतीजे आएंगे।
21 सभाओं में 215 सीटों को कवर करेंगे
कर्नाटक में मोदी की पहले 15 रैलियां प्रस्तावित थीं। अब 6 और रैलियों में बदलाव किया गया है। मोदी के चुनाव प्रचार का अगला चरण 5 मई को शुरू होगा। इसमें मोदी टुमकुर, शिवमोगा (शिमोगा) और गड़ाग में सभाएं करेंगे। यहां वे 49 सीटों को कवर करेंगे। मोदी 7 मई को रायचूर, चित्रदुर्ग, कोलार और 8 मई को विजयवाड़ा और मैंगलुरु में रैली करेंगे। इन दो दिनों में वे 65 सीटों को कवर करेंगे। मोदी ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत 1 मई को थी। मोदी ने पहली सभा में चामाराजनगर, मैसूर और मांड्या की 22 सीटों को कवर किया था। इस तरह मोदी 21 सभाओं के जरिए 215 सीटों को कवर करेंगे।