नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नेल्लोर परिवरहन विभाग का चपरासी करोड़पति निकला है। 40 हजार रुपए से भी कम सैलरी पाने वाले इस चपरासी के पास से 100 करोड़ रूपए से अधिक की गैरकानूनी संपत्ति पाई गई है। ये चपरासी तभी फंसा जब उसने अपने लिए एक 18वां प्लाट खरीदा। इसके बाद उसके दो मंजिला घर पर छापा मारा गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक 55 साल के. नरसिम्हा रेड्डी के घर सहित छह जगहों पर पर छापा मारा गया जिसमें उसकी पत्नी समेत कई रिलेटिव के नाम 18 प्लॉट के कागजात मिले हैं। इसके अलावा उसके पास 7.70 लाख रुपए कैश, बैंक में 20 लाख रुपए का डिपोजिट, 1 करोड़ से ज्यादा की एलआईसी पॉलिसी, 50 एकड़ खेती की जमीन और 2 किलो सोने के जेवरात होने का खुलासा हुआ है।
पेंटहाउस में रह रहा था चपरासी
नरसिम्हा रेड्डी ने 22 अक्टूबर, 1984 को एक अटेंडेंट की सरकरी नौकरी शुरु की थी। उस वक्त उसकी तनख्वाह 650 रु प्रति माह थी। वो नेल्लोर आरटीओ में 34 साल से नौकरी कर रहा है। अफसर के मुताबिक उसने नेल्लोर में 1992 से प्लॉट खरीदने शुरू कर दिए थे। इतना ही नहीं वो वह नेल्लूर शहर के एमवी अग्रहारम में 3,300 वर्ग फुट के दोमंजिला पेंटहाउस में रहता था।