शहडोल। मुस्लिम समाज में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद शव का शुद्धिकरण किया जाता है। शव को पानी से नहलाया जाता है। इस प्रक्रिया का 'मैय्यत को नहलाना' कहते हैं। यहां नगरपालिका ने मैय्यत को नहलाने के लिए भी पानी नहीं भेजा। बता दें कि नगरपालिका के नलों में पानी नहीं है। पार्षद ने मैयत को नहलाने के लिए टेंकर की मांग की थी, वो भी नहीं आया। इससे नाराज वार्ड के कांग्रेस पार्षद नगरपालिका के नेताप्रतिपक्ष ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
शहर के वार्ड नंबर 22 में कोल फैक्ट्री के पास एक मुस्लिम महिला की मौत हो गई, परम्परानुसार शव को को नहलाकर दफनाया जाना था, लेकिन पानी की किल्लत के चलते नगरपालिका के नल से पानी उपलब्ध नहीं हुआ। जबकि वार्ड के पार्षद समेत अन्य लोगों ने शव को स्नान कराने के लिये नगरपालिका से पानी का टैंकर मंगाया था लेकिन लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों ने पानी का टैंकर नहीं भेजा, समय पर पानी उपलब्ध न होने से मृतक महिला के शव को गंदे पानी से नहलाकर उसके शव को दफनाया गया।
इस मामले से गुस्साए वार्ड के पार्षद और नगरपालिका के नेता प्रतिपक्ष इशहाक खान ने विपक्षी पार्षदों के साथ नगरपालिका के सामने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया है। वहीं नगरपालिका उपाध्यक्ष कुलदीप निगम ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्षदों की जानबूझ कर उपेक्षा की जा रही है, जबकि इस पूरे मामले को लेकर नगरपालिका सीएमओ ने कहा है कि जलसंकट को दूर किया जा रहा है। टैंकर नहीं पहुंचाने के मामले में उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।