
आर्थिक अपराध जांच शाखा से जांच अधिकारी एसआई राकेश सिंह ने बताया कि प्रवीण गुप्ता की शिकायत पर दर्ज धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि अनिल जिंदल व राजेश सिंगला ने उन्हें आठ दुकानें बेची थी। साथ ही यह आश्वासन भी दिया था कि तीन साल बाद वह इन दुकानों को अच्छे मुनाफे के साथ वापस खरीद लेंगे। साथ ही इन दुकानों का 1.50 लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से किराया भी दिया जाएगा। एक-दो माह किराया देने के बाद उन्होंने यह रकम देनी बंद कर दी।
साथ ही तीन साल बाद जब दुकानों को वापस खरीदने का समय आया तो वह मुकर गए। इतना ही नहीं जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने इन दुकानों को अपनी एक दूसरी कंपनी में दिखाकर उस पर लोन भी ले लिया था। पुलिस ने सोमवार को जिला अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पूर्वा मेहरा की कोर्ट में पेश किया। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद राजेश सिंगला को दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।
नेपाल भागने की फिराक में था सिंगला
आर्थिक अपराध जांच शाखा प्रभारी निरीक्षक सुरेश कुमार ने बताया कि रविवार रात को सूचना के आधार पर राजेश सिंगला को सेक्टर-नौ के एक मकान से गिरफ्तार किया गया है। वह वहां छिप कर रह रहा था। पुलिस के अनुसार राजेश सिंगला नेपाल भागने की फिराक में था। यदि अगर यह पकड़ा नहीं जाता तो शायद फिर हाथ नहीं आता और विदेश भाग जाता।