NATIONAL NEWS | मौसम का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक 13 राज्यों में तूफान की संभावनाएं जताई जा रहीं थीं परंतु अब नई रिपोर्ट में 21 राज्यों पर तूफान का खतरा बताया गया है। इसमें मध्यप्रदेश सहित उत्तराखंड से लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान से लेकर केरल तक के राज्य शामिल हैं। इससे पूर्व बीती रात केदारनाथ में भारी बर्फवारी हुई है। बताया जा रहा है कि यहां 3 इंच से अधिक बर्फ गिरी है। वहीं केदारनाथ गए पूर्व सीएम हरीश रावत भी यहां फंस गए हैं। उनके साथ केदारनाथ विधयाक मनोज रावत और राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा भी मौजूद हैं। उधर पुलिस की टीम पांच पांच का ग्रुप बनाकर कर यात्रियों की मदद कर रही है और मंदिर परिसर से यात्री हटाये जा रहे हैं।
इन जगहों पर अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, सिक्किम, पूर्वी व पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, उड़िसा, विदर्भ, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में अगले 48 घंटे में तूफान आ सकता है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जम्मू-कश्मीर, हिमाचल , उत्तराखंड, हरियाणा, पश्चिमि उत्तर प्रदेश, सिक्किम और पूर्वी बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यहां हो सकती है भारी बारिश
वहीं पंजाब, दिल्ली, पूर्वी स्थान पश्चिमी राजस्थान विदर्भ और मराठवाड़ा, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में ओला वृष्टि और भारी बारिश की संभावना है।
अनियंत्रित मौसम से बड़ा तूफान का दायरा
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने कहा कि पिछले दिनों तूफान के व्यापक होने की वजह यह थी कि कई मौसमी तंत्र आपस में मिल गए और आंधी-तूफान का जो दायरा किसी छोटे से क्षेत्र तक सीमित रहना चाहिए था, वह दूर तक फैल गया। इतने बड़े दायरे में इस मौसम में पहले कभी ऐसे तूफान की घटना नहीं मिलती, जबकि पूर्व में इससे भी बड़े तूफान आ चुके हैं।
आगे भी आ सकते हैं ऐसे तूफान
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर रंजीत सिंह का मानना है कि अब मौसम के दौरान अचानक इसके ज्यादा बिगड़ जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। जैसे अचानक ज्यादा बारिश होना, ज्यादा सर्दी या गर्मी पड़ना या फिर ऐसे तूफान आना। इन घटनाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हो सकता है। खतरा यह भी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति भविष्य में और जल्दी-जल्दी हो सकती है। साथ ही ये ज्यादा विकराल रूप ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1974 में दिल्ली में आए टोरनाडो का रिकॉर्ड है जिसने डीटीसी बस को भी उड़ा दिया था। उसके बाद भी ऐसे कई मौके आए हैं, जब भयावह आंधी-तूफान दिल्ली एनसीआर में आए। उनकी गति तो ज्यादा थी लेकिन दायरा इतना लंबा नहीं था।
गर्मियों में थंडर स्ट्रॉम
मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदशक एम. महापात्र के अनुसार, गर्मियों के दौरान आने वाले आंधी-तूफान को मौसम विज्ञान की भाषा में थंडर स्ट्रॉम कहा जाता है। यह साइक्लोन (तूफान) नहीं है। मौसम विभाग थंडर स्ट्रॉम का ब्योरा नहीं रखता। लेकिन उसका दावा है कि देश में इसकी संख्या में कमी आई है।
कहीं बारिश तो कहीं तेज हवाएं चलीं
मौसम विभाग द्वारा आंधी-तूफान की चेतावनी के बीच सोमवार को पहाड़ों पर बर्फबारी हुई तो चंडीगढ़ में बारिश और राजस्थान के कुछ इलाकों तेज हवाएं चली। मौसम विभाग ने राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब और दिल्ली सहित आठ राज्यों में तूफान की चेतावनी को बुधवार तक के लिए बरकरार रखा है, इसके मद्देनजर सभी संबद्ध राज्यों में आपदा प्रबंधन केंद्रों से हर स्थिति से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने को कहा गया है। कई जगहों पर स्कूल-कॉलेजों को भी बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान: श्रीगंगानगर में धूलभरी आंधी
राजस्थान के श्रीगंगानगर में सोमवार को तेज गर्जन के साथ 28 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चला। विभाग की ओर से अगले पांच दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में धूलभरे अंधड़ के साथ तेज व हल्की बौछारें चलने का पूर्वानुमान जारी किया गया है।
चंडीगढ़ में झमाझमा बारिश
चंडीगढ़। चंडीगढ़ व आसपास के इलाकों में सोमवार तड़के झमाझम बारिश हुई जबकि मौसम विभाग द्वारा तूफान की चेतावनी जारी किए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मौसम की चेतावनी को देखते हुए हरियाणा में स्कूलों को दो दिन (सोमवार और मंगलवार) तक के लिए बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़ के कुछ निजी स्कूलों को भी दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
हिमाचल : बर्फबारी-बारिश से पारा गिरा
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में सोमवार को हल्की बर्फबारी हुई जबकि निचले इलाकों में बारिश हुई। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि शिमला में हल्की बारिश हुई जबकि ऊंचाई वाले कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों में बर्फबारी हुई।
उत्तराखंड : 12वीं तक स्कूल बंद करने का आदेश
उत्तराखंड के गोपेश्वर, चमोली और पीपलकोटी क्षेत्र में सोमवार को आंधी से खासा नुकसान हुआ है। उधर, बदरीनाथ और केदारनाथ में दूसरे दिन भी रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी होती रही। खराब मौसम के बावजूद सोमवार को केदारनाथ में 7665 और बदरीनाथ में दोपहर तक 6 हजार से अधिक यात्री पहुंचे। गंगोत्री-यमुनोत्री में सोमवार को भी बारिश जारी रही। पेड़ गिरने से एक घंटे तक बद्रीनाथ हाइवे भी बंद रहा। हरिद्वार में 8 मई को 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल किए बंद करने के आदेश दिए हैं।