भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बयान दिया है कि नरेंद्र मोदी को 10 साल पहले कोई नहीं जानता था और 10 साल बाद भी कोई नहीं जानेगा। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी का करियर अब ढलान पर आ गया है। जिन लोगों ने मोदी को सीएम और पीएम बनाया वो सब अब उनसे दूर हो गए हैं। दिग्विजय सिंह आजतक के कार्यक्रम सीधी बात में बोल रहे थे। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पॉलिटिक्स में कोई इकलौता रहता है क्या? राजनीति का परिदृश्य तेजी से बदलता है। मोदी जी को कौन जानता था आज से 10 साल पहले। केवल सीएम के तौर पर जाना जाता था और आज से 10 साल बाद मोदी को कौन जानेगा? जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि आपको लगता है कि नरेंद्र मोदी की राजनीति अब ढलान पर चल पड़ी है तो उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर।'
आडवाणी की ओर देखते तक नहीं मोदी
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'आप मुरली मनोहर जोशी से बात कर लीजिए। वो बीजेपी के घोषणापत्र के चेयरमैन थे। जब उनसे 4 साल पूरे होने पर पूछा गया कि 10 में से कितने नंबर देंगे तो उन्होंने कहा ये उत्तर पुस्तिका कोरी है। इसपर क्या नंबर दें। दिग्विजय ने कहा, 'मोदी जी के घोर समर्थक रहे अरुण शौरी, प्रवीण तोगडिया जी को देख लीजिए। ये वो लोग है जिन्होंने नरेंद्र मोदी को बनाया। आप लालकृष्ण आडवाणी की ओर देखते तक नहीं। बड़ी दुर्गति है।
संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता
संघी आतंकवाद जैसे शब्द को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। मैं हिंदू हूं। इस देश के 85 प्रतिशत हिंदू किसके हैं। संघ कोई रजिस्टर्ड संस्था नहीं है। इसकी सदस्यता ही नहीं होती। इसके बारे में चिंता क्यों कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने संघी आतंकवाद कहने पर कहा कि ये लोग खुद को आरएसएस का प्रचारक कहते हैं। आरएसएस का प्रचारक अजमेर दरगाह केस में दोषी पाया गया है।
से विचारधारा हिंसा के लिए प्रेरित करती है
सुनील जोशी जो की संघ का प्रचारक है जो की बॉम्ब ब्लास्ट में आरोपी था उसकी हत्या किसने की। संघ के लोगों ने हत्या की। उनको सजा भी हुई है। ये सब लोग कौन है। ये लोग बीजेपी के फुट सोल्जर हैं, आरएसएस के फुट सोल्जर हैं। ये एक विचार है। वो विचार जिसने महात्मा गांधी की हत्या की, जिसने कलबुर्गी की हत्या की, जिसने गौरी लंकेश की हत्या की। ये विचारधारा हिंसा के लिए प्रेरित करती है।
मीडिया मेरा सिर्फ एक ही चेहरा दिखाता है
दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं पहला व्यक्ति था जिसने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ बोला था। मुश्किल ये है कि मीडिया मेरे सिर्फ एक पक्ष को दिखाना चाहता है। जब मैं मुस्लिम आतंकवादी के खिलाफ बोलता हूं तो उसे नहीं दिखाया जाता।
इन्होंने उस ढांचे को गिराया जहां भगवान राम की पूजा होती थी
दिग्विजय ने इससे पहले कहा था कि 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अयोध्या में साल 1992 में उस ढांचे को गिराया था, जहां राम की पूजा हुआ करती थी।' इस बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा, वहां पूजा होती थी। सन 52 से वहां पूजा होती थी। वहां नमाज तो पढ़ी नहीं जा रही थी। गुरु गोलवलकर जी ने राम को अवतार नहीं माना है, उन्होंने आदर्श माना है।
ये लोग धार्मिक नहीं धर्मांध हैं
दिग्विजय ने कहा कि ये आर्य समाज के लोग हैं, मैं सनातनी हूं। मैं तो इस बात का भी विरोध करता हूं कि ये लोग नारा जय श्री राम का क्यों लगाते हैं, सीता जी को क्यों भूल जाते हैं। सिया राम का नारा लगाएं। ये लोग धार्मिक नहीं है। ये धर्मान्धता फैलाते हैं। और धर्मान्धता से नफरत फैलती है। मुझसे बड़ा धार्मिक व्यक्ति बीजेपी में नहीं मिलेगा।
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