भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया इलाके में बड़ी घटना हुई है। आरोप है कि यहां कुछ दबंगों ने एकराय होकर दलित किसान के खेत पर कब्जा कर लिया और जब किसान ने इसका विरोध किया तो उसे उसकी पत्नी के सामने जिंदा जला दिया गया। जिससे उसकी मौत हो गई। किसान को यह खेत दिग्विजय सिंह सरकार के समय पट्टे पर मिला था और खेत पर तभी से लगातार किसान का कब्जा भी चला आ रहा था। इस घटना के बाद इलाके में तनाव पसर गया है। आसपास के थानों की पुलिस को शांति स्थापित करने के लिए लगाया गया है।
बताया जा रहा है कि घटना राजधानी से सटे बैरसिया तहसील के परसोरिया घाटखेड़ी गांव की है। यहां किसान किशोरी लाल जाटव का कसूर बस इतना था कि उन्होंने अपनी पट्टे की जमीन को जोत रहे दबंगों का विरोध किया था। मृत किसान के बेटे कैलाश जाटव ने बताया कि, "2002 में सरकार ने हमें परसोरिया जोड़ स्थित 3.5 एकड़ जमीन पर पट्टा दिया था। तब से ही हम यहां खेती कर रहे थे। इस साल गांव के दबंग तीरन सिंह यादव ने इस पर कब्जा कर लिया।
कल सुबह जब मां तंखिया और पिता किशोरी लाल खेत पर पहुंचे तो देखा कि तीरन, उसका बेटा प्रकाश, भतीजे संजू और बलबीर खेत को ट्रैक्टर से जोत रहे थे। पिता ने विरोध किया तो चारों धमकाने लगे। जब वे नहीं माने तो प्रकाश, संजू और बलबीर ने उनके हाथ-पैर पकड़ लिए और तीरन ने पेट्रोल उड़ेलकर जिंदा जला दिया। मां चीखती रही, चिल्लाती रही, पर किसी ने उनकी नहीं सुनी।
इस सनसनीखेज हत्या के बाद बैरसिया पुलिस ने दोपहर में चार आरोपियों के खिलाफ हत्या, खेत पर कब्जे की कोशिश और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया, पर आरोपियों की रात तक गिरफ्तारी नहीं होने से गांव में तनाव बढ़ गया। बाद में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए। उन्होंने जमकर हंगामा किया। भीड़ बढ़ते देख बैरसिया पुलिस को भोपाल से बल बुलवाना पड़ा।
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