बुरहानपुर। वो कहते हैं कि जब मौत आती है तो ढ्योड़ी की ठोकर से प्राण निकल जाते हैं और यदि नहीं आती तो ज्वालामुर्खी के मलवे से इंसान जिंदा निकल आता है। यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ। डेढ़ माह के बच्चे को लेकर सुसाइड करने आई महिला रेलवे ट्रेक पर आकर लेट गई। सामने से तेजी से दौड़ती हुई ट्रेन आई और उसके ऊपर से गुजर गई। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला एवं शिशु को खरोंच तक नीं आई।
मामला नेपानगर का है। गोरखपुर से मुंबई जा रही (15018) काशी एक्सप्रेस ट्रेन सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे स्टेशन पर आकर रुकी। उससे एक महिला उतरी और अपने डेढ़ महीने के बच्चे को सीने से लगाकर बाजू वाले ट्रैक पर लेट गई। दूसरी तरफ से करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही पुष्पक एक्सप्रेस दोनों के ऊपर से निकल गई। पूरे स्टेशन पर सनसनी दौड़ गई। भीड़ ने जब ट्रेक पर देखा तो महिला और शिशु दोनों सुरक्षित थे। उन्हे खरोंच तक नहीं आई।
दूसरी बार की है सुसाइड की कोशिश
तबस्सुम (25) इलाहाबाद से अपनी नानी के घर मुंबई जा रही थी। उसने बताया कि उसकी सौतेली मां ने उसका निकाह शादीशुदा मो. साजिद से करवा दिया था। पति उसे प्रताड़ित करता था। बाद में उसने तलाक दे दिया। तब से ही वह काफी तनाव में थी। तबस्सुम ने बताया कि बेटा होने से दो महीने पहले भी उसने खुदकुशी की कोशिश की थी, लेकिन तब भी बच गई थी। फिलहाल उसे सखी सेंटर में रखा गया है। उसके परिजन को बुरहानपुर बुलाने की तैयारी की जा रही है।
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